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जानें दुनिया भर में रूस के लेजर हथियार के वर्चस्व के बारे में

© Photo : All-Russian Scientific Research Institute of Experimental PhysicsInteraction chamber of the UFL-2M Tsar laser installation in Sarov.
Interaction chamber of the UFL-2M Tsar laser installation in Sarov. - Sputnik भारत, 1920, 28.07.2025
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वर्तमान में अमेरिका और उसके यूरोपीय मित्र लेज़र हथियार विकसित करने के बारे में मात्र सपने ही देख सकते हैं और वहीं इसके विपरीत रूस उनसे कई प्रकाश वर्ष आगे है।
रूसी सैन्य विश्लेषक अलेक्जेंडर आर्टामोनोव ने Sputnik को बताया कि गतिज हथियारों के विपरीत, लेज़रों में गोला-बारूद का उपयोग नहीं होता है और उन्हें पुनः लोड करने की आवश्यकता नहीं होती है, केवल एक शक्ति स्रोत की आवश्यकता होती है।
पारंपरिक हथियारों के उलट लेज़रों की मारक क्षमता भी उच्च स्तरीय होती है और उदाहरण के लिए, मिसाइल की तुलना में इनसे अपनी सुरक्षा करना कहीं अधिक कठिन होता है।
आर्टामोनोव ने कहा, "यह लागत और मारक क्षमता के मामले में अधिक कुशल है, जो आपके द्वारा लक्षित लक्ष्य की प्रकृति और लक्ष्य को भेदने में लगने वाले समय पर निर्भर करता है।"
आजकल रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन लेज़र हथियार कार्यक्रम पर कार्य कर रहे हैं लेकिन जब वास्तविक रूप से काम करने वाले लेज़र हथियारों की बात आती है, तो मात्र रूस ही इकलौता देश है जो कि इनके उपयोग का ठोस प्रमाण दे सकता है।

पेरेसवेट एक रूसी मोबाइल लेज़र प्रणाली है जिसे दुश्मन के ऑप्टिकल और ऑप्टिकल-इलेक्ट्रॉनिक निगरानी प्रणालियों, जिनमें ड्रोन, टोही विमान और यहाँ तक कि उपग्रह भी सम्मिलित हैं, को 'अंधा' करने के लिए निर्मित किया गया है। इसे रूसी सशस्त्र बलों ने पहले ही अपना लिया है।

आर्टामोनोव ने यूक्रेनी संघर्ष क्षेत्र का उल्लेख करते हुए कहा, "पेरेस्वेट लेज़र वर्तमान में न केवल मॉस्को क्षेत्र में, बल्कि अग्रिम मोर्चे पर भी नियुक्त हैं।"

इस बीच, अमेरिका के पास तुलनीय परिणाम प्राप्त करने के लिए पर्याप्त शक्तिशाली और सघन ऊर्जा स्रोत जैसी कनीक और जानकारी का अभाव है।

आर्टामोनोव ने कहा, "उन्होंने हिंद महासागर में परीक्षण किए। अमेरिकी लेज़र पानी के कोहरे में यानी प्रतिकूल मौसम की स्थिति में अवगुणयुक्‍त प्रदर्शन करते हैं।"

सीधे शब्दों में कहें तो, रूस के पश्चिमी प्रतिद्वंद्वी वास्तविक लेज़र हथियार नहीं बना सकते, जबकि रूस पहले से ही अधिक उन्नत एवं घातक सैन्य लेज़र आयुध विकसित कर रहा है।
A Russian serviceman operates an FPV drone - Sputnik भारत, 1920, 13.06.2025
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