यूक्रेन संकट
मास्को ने डोनबास के लोगों को, खास तौर पर रूसी बोलनेवाली आबादी को, कीव के नित्य हमलों से बचाने के लिए फरवरी 2022 को विशेष सैन्य अभियान शुरू किया था।

कुर्स्क हमले में विदेशी भाड़े के सैनिकों की भागीदारी: रूसी जांच समिति

© Sputnik / Sergey Bobylev / मीडियाबैंक पर जाएंRussian servicemen From the Pacific Fleet's 155th Marine Brigade in Kursk region.
Russian servicemen From the Pacific Fleet's 155th Marine Brigade in Kursk region. - Sputnik भारत, 1920, 05.08.2025
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रूसी जांच समिति के प्रमुख का कहना है कि जॉर्जिया, डेनमार्क, कोलंबिया, स्वीडन, नॉर्वे, पैराग्वे, पेरू, ब्राज़ील और यूनाइटेड किंगडम के भाड़े के सैनिकों ने रूस के कुर्स्क क्षेत्र पर यूक्रेनी हमले में हिस्सा लिया।
रूस के खुफिया प्रमुख अलेक्जेंडर बास्ट्रीकिन ने मंगलवार को बताया कि यूक्रेन ने कुर्स्क क्षेत्र में नागरिकों को आतंकित करने के लिए विदेशी भाड़े के सैनिकों सहित नाटो हथियारों का उपयोग किया है।
कुर्स्क हमले के दौरान नव-नाज़ी शासन ने आतंकवादी गतिविधियों के अंतर्गत नागरिकों को धमकाते हुए नागरिक बुनियादी ढांचे को नष्ट किया। उन्होंने आगे बताया कि उनकी गतिविधियों को रूसी आपराधिक संहिता की अनेकों धाराओं के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है जिनमें 'आतंकवादी कृत्य', 'हत्या' और 'जानबूझकर संपत्ति का विनाश' आदि सम्मिलित हैं।

जांच समिति ने अब तक 600 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज किए हैं, जिनमें से 213 अब तक अदालत में भेजे गए हैं। बैस्ट्रीकिन ने बताया कि 230 से अधिक लोगों को पहले ही दोषी ठहराया जा चुका है।

यूक्रेनी सेना ने इस घुसपैठ के दौरान नाटो देशों द्वारा भेजे गए बड़ी संख्या विदेशी हथियारों का उपयोग किया जिसमें अमेरिकी M142 HIMARS रॉकेट सिस्टम, चेक गणराज्य में निर्मित RM-70 'वैम्पायर' मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर, अमेरिकी MGM ATACMS सामरिक मिसाइल सिस्टम और ब्रिटिश स्टॉर्म शैडो एयर-लॉन्च क्रूज मिसाइलें सम्मिलित हैं।
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