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भारत और चीन सीमा विवाद सुलझाने के लिए विशेषज्ञ समूह गठित करेंगे

© Getty Images / PoolIndian Prime Minister Narendra Modi (L) shakes hands with Chinese President Xi Jinping (R) at the West Lake State Guest House on September 4, 2016 in Hangzhou, China.
Indian Prime Minister Narendra Modi (L) shakes hands with Chinese President Xi Jinping (R) at the West Lake State Guest House on September 4, 2016 in Hangzhou, China. - Sputnik भारत, 1920, 20.08.2025
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सीमा मुद्दे के समाधान के लिए भारत और चीन दो नए समूह गठित करने पर सहमत हुए हैं, जिनमें से एक समूह सीमा निर्धारण में जल्द परिणाम लाने पर काम करेगा और दूसरा समूह सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति व सौहार्द बनाए रखने का कार्य संभालेगा।
यह महत्वपूर्ण कूटनीतिक निर्णय मंगलवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी द्वारा सीमा मुद्दे पर भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल से मुलाक़ात के बाद सामने आया है। उन्होंने सोमवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी बातचीत की।
मंगलवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने प्रेस नोट में कहा कि वार्ता दोनों देशों के नेताओं के रणनीतिक मार्गदर्शन में “सकारात्मक और रचनात्मक भावना” से हुई।

जारी बयान के अनुसार, सीमा परिसीमन के शुरुआती परिणामों की प्राप्ति के लिए भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय हेतु कार्य तंत्र (WMCC) के अंतर्गत एक विशेषज्ञ समूह का गठन किया जाएगा। इसके साथ ही, सीमा प्रबंधन में सुधार और क्षेत्र में शांति बनाए रखने में मदद के लिए WMCC के अंतर्गत एक कार्य समूह भी बनाया जाएगा।

इसके अलावा, दोनों पक्षों ने सीमा मुद्दे पर गहन विचार-विमर्श किया। दोनों देशों ने प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए राजनयिक और सैन्य सीमा प्रबंधन तंत्र का उपयोग जारी रखने तथा “सिद्धांतों और तौर-तरीकों” से शुरू करते हुए तनाव कम करने पर चर्चा शुरू करने पर सहमति व्यक्त की।
साथ ही दोनों पक्ष जल्द से जल्द चीन और भारत के बीच "सीधी उड़ान संपर्क बहाल" करने और एक अद्यतन हवाई सेवा समझौते को अंतिम रूप देने पर सहमत हुए। उन्होंने दोनों दिशाओं में पर्यटकों, व्यवसायों, मीडिया और अन्य आगंतुकों के लिए वीज़ा सुविधा प्रदान करने पर भी सहमति व्यक्त की।
दोनों पक्ष तीन निर्दिष्ट व्यापारिक बिंदुओं, अर्थात् लिपुलेख दर्रा, शिपकी ला दर्रा और नाथू ला दर्रा, के माध्यम से सीमा व्यापार को फिर से खोलने पर सहमत हुए।
उन्होंने ठोस उपायों के माध्यम से दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश प्रवाह को सुगम बनाने पर भी सहमति व्यक्त की।
दोनों पक्षों ने 2026 से चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में माउंट कैलाश/गंग रेनपोछे और मानसरोवर झील/मापाम युन त्सो की भारतीय तीर्थयात्रा को जारी रखने और इसके पैमाने को और विस्तारित करने पर सहमति व्यक्त की।
उन्होंने सफल राजनयिक आयोजनों की मेजबानी में एक-दूसरे का समर्थन करने पर भी सहमति व्यक्त की - चीनी पक्ष 2026 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी में भारत का समर्थन करेगा और भारतीय पक्ष 2027 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी में चीन का समर्थन करेगा।
Chinese Forein Minister Wang Yi speaks during a press conference with Indian Foreign Minister Sushma Swaraj (not pictured) at the Diaoyutai State Guest House in Beijing, China, April 22, 2018. - Sputnik भारत, 1920, 19.08.2025
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