6 अप्रैल तक रूसी पक्ष ने बार-बार कहा था कि आतंकवादी जहरीले रसायनों का इस्तेमाल करने की तैयारी कर रहे थे।
रूसी सेना ने दावा किया था कि अल-नुसरा फ्रंट (यानी आतंकवादी संगठन जिसे अब हयात-तहरीर अल-शाम के रूप में जाना जाता है) और मुक्त सिरियाई सेना (यानी सीरियाई विपक्ष) के सदस्य उन क्षेत्रों में क्लोरीन वाले हमले की तैयारी कर रहे थे, जो उनके नियंत्रण में थे।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी इसके बारे में बताया। इसके अलावा एक रूसी मीडिया ने बताया कि सीरियाई विद्रोही "सीरियाई सेना पर झूठे आरोप लगाने” के लिए "जहरीले पदार्थों" वाले हमले की तैयारी कर रहे थे।
हमले के बारे में पहली जानकारी
सीरियाई विपक्ष का समर्थन करने वाले गैर-सरकारी संगठनों ने इंटरनेट पर ऐसी तस्वीरें और वीडियो पोस्ट किए, जो उनके अनुसार रासायनिक हमले के सबूत हैं। व्हाइट हेल्मेट्स संगठन ने दावा किया कि सीरियाई वायु सेना के एक हेलीकॉप्टर ने सरीन वाला बम गिराया था।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 10 अप्रैल 2018 को कहा कि उसके पास सीरिया के डूमा शहर में पहुंच नहीं है और वह वहां रासायनिक हथियार के उपयोग के बारे में जानकारी की पुष्टि नहीं कर सकता है।
इससे पहले, अज्ञात "स्वास्थ्य क्षेत्र में भागीदारों" के हवाले से विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया था कि 70 लोगों तक की मृत्यु हो गई, और खतरनाक रसायनों से विषाक्तता से संबंधित लक्षणों से प्रभावित लगभग 500 लोगों को अस्पताल में ले जाया गया।
जांच की शुरुआत
कथित हमले के केवल एक हफ्ते बाद यानी 13-14 अप्रैल की रात को, अमेरिकी, ब्रिटिश और फ्रांसीसी वायु सेना ने अंतरराष्ट्रीय जांच के परिणामों की प्रतीक्षा किए बिना सीरिया पर हवाई हमले किए। रासायनिक हथियार से भरे कथित जगहों पर 100 से अधिक मिसाइलें गिराई गईं।
1 मार्च 2019 को रासायनिक हथियार निषेध संगठन ने 7 अप्रैल 2018 को दमिश्क के पास पूर्वी घौटा क्षेत्र में हुई घटना की जांच के परिणामों की एक रिपोर्ट प्रकाशित की। इस दस्तावेज़ के अनुसार, हमले के दौरान "एक ज़हरीला रसायन, शायद क्लोरीन" का इस्तेमाल किया गया था। रिपोर्ट के लेखकों के मुताबिक, क्लोरीन वाले सिलेंडर हवा से गिराए गए थे।
जांच के परिणाम
यह पता चला कि डूमा में मिशन झूठा था। विकिलीक्स द्वारा जारी की गई मिशन के सदस्यों की गवाही और ई-मेल सहित दस्तावेजों के अनुसार डूमा में इस घटना की जांच की अंतिम रिपोर्ट काफी हद तक झूठी निकली, और जांच के दौरान कथित हमले के स्थान पर मिले महत्वपूर्ण तथ्यों को बदला गया या पूरी तरह से हटाया गया। इसके अलावा, दस्तावेजों में कहा गया कि कथित हमले के स्थान पर मिले सिलेंडरों को वहां जान बूझकर रखा गया था, जो उनकी स्थिति से मालूम हुआ।
दमिश्क ने इसमें अपनी भागीदारी से इनकार करते हुए कहा कि इस हमले की तैयारी कथित रूप से स्थानीय आतंकवादियों द्वारा और गैर-सरकारी संगठन व्हाइट हेल्मेट्स द्वारा की गयी थी, जिसने कथित तौर पर हमले की पुष्टि करने वाले झूठे फोटो और वीडियो को बनाया था।
अमेरिका ने कहा कि सीरियाई संघर्ष में उसका प्रारंभिक लक्ष्य असद को राष्ट्रपति पद से हटाना था।