रूसी विदेश मंत्रालय की आधिकारिक प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा के अनुसार, शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय एजेंडे के समसामयिक विषयों पर विचारों का आदान-प्रदान किया जाएगा।
इस बैठक के मौके पर भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर गुरुवार को गोवा में रूसी विदेश मंत्री सर्गे लवरोव और चीनी विदेश मंत्री किन गैंग के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने वाले हैं।
इसके साथ 4 मई को रूसी विदेश मंत्री लवरोव भारतीय विदेश मंत्री से मुलाकात के अलावा चीनी विदेश मंत्री किन गैंग और पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने वाले हैं।
बहुपक्षीय सहमति
रूसी विदेश मंत्रालय के अनुसार, SCO के विदेश मंत्री विश्वसनीय वैश्विक सुरक्षा और सतत आर्थिक विकास सुनिश्चित करने में संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय समन्वय भूमिका को मजबूत करने के लिए मुख्य क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
इसके साथ यूक्रेन संकट चर्चा का एक और विषय होगा। रूसी विदेश मंत्री यूक्रेनी संकट को लेकर मास्को की राय जताने वाले हैं।
इसके अलावा SCO की गतिविधियों का आधुनिकीकरण करने पर और इस संगठन के सदस्य देशों की सुरक्षा के लिए चुनौतियों और संकटों का सामना करने पर चर्चा होने वाली है।
SCO के शिखर सम्मेलन की तैयारी
उम्मीद है कि इस बैठक में शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन की तैयारी शुरू होगी। विदेश मंत्री उसके कार्यक्रम पर और उन दस्तावेजों के मसौदे पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जिन पर चर्चा SCO के सदस्य देशों के नेता करेंगे।
रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि रूस नई दिल्ली में आने वाले SCO के शिखर सम्मेलन को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए और इस संगठन में साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए सभी भागीदारों के साथ निकट सहयोग के लिए तैयार है।
SCO में अर्थव्यवस्था और आंतरिक सहयोग
अर्थव्यवस्था के संदर्भ में विदेश मंत्री राष्ट्रीय मुद्राओं में भुगतान का मुद्दा उठा सकते हैं।
आंतरिक सांस्कृतिक और मानवीय सहयोग के संदर्भ में उम्मीद है कि SCO के विदेश मंत्री इस संगठन में खेल संगठनों के संघ की स्थापना और अन्य देशों के लिए खुले SCO खेलों के आयोजन को लेकर रूसी प्रस्तावों पर विचार करेंगे।
SCO का विस्तार
उम्मीद है कि इस बैठक में ईरान और बेलारूस को संगठन में सम्मिलित करने की प्रक्रिया सहित संगठन के विस्तार पर बड़ा ध्यान दिया जाएगा।
इसके साथ इस बैठक के दौरान, बहरीन, कुवैत, म्यांमार, मालदीव और संयुक्त अरब अमीरात को SCO के संवाद भागीदार का दर्जा देने पर दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर करने की योजना है।
इस से पहले SCO में रूसी राष्ट्रपति के विशेष प्रतिनिधि बख्तियेर खाकीमोव ने रूसी संवाददाताओं से साक्षात्कार के दौरान ज़ोर देकर कहा था कि शंघाई सहयोग संगठन शक्तिशाली संरचना बन गया है, इसलिए कुछ ताकतें संगठन के काम को अवरुद्ध करने की हरसंभव कोशिशें कर रही हैं।