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जानिए, भारत में ड्रग्स और अवैध हथियार पाकिस्तान से कैसे आते हैं

भारत-पाकिस्तान सीमा को अंतर्राष्ट्रीय सीमा (IB) के रूप में भी जाना जाता है। यह उत्तर में जम्मू और कश्मीर से गुजरात तक फैली हुई है। भारत-पाकिस्तान सीमा की कुल लंबाई 3,323 किलोमीटर है।
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इसमें जम्मू से गुजरात तक की सीमा की जिम्मेवारी सीमा सुरक्षा बल (BSF) के हाथों में है।

हाल के समय में BSF ने पश्चिमी मोर्चे पर पाकिस्तान सीमा पार से आने वाले ड्रोन्स की गतिविधियों में काफी वृद्धि देखी हैं। ड्रोन के जरिए पाकिस्तान से मुख्य रूप से ड्रग्स, गोला-बारूद और जाली नोट भारत में भेजे जा रहे हैं।

Sputnik ने BSF से अतिरिक्त महानिदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुए प्रवास कुमार मिश्रा से जानने का प्रयास किया कि सीमा पार से किन-किन प्रणालियों द्वारा ड्रग्स और अवैध सामान को भारत भेजा जाता है। इसके अलावा उन्होंने इस पर भी प्रकाश डाला कि इस तरह के अवैध सामान को देश में आने से रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।
प्रवास कुमार मिश्रा सीमा सुरक्षा बल से 40 साल की सेवा के बाद सेवानिवृत्त होने के बाद विवेकानंद अंतरराष्ट्रीय फाउंडेशन (VIF) में एक वरिष्ठ फेलो के रूप में काम कर रहे हैं। उन्होंने 'ऑपरेशन पराक्रम' के दौरान पठानकोट से अखनूर तक 191 किलोमीटर की सीमा की सुरक्षा बाड़ लगाई। इसके बाद उन्होंने "बांग्लादेश माइग्रेंट्स: थ्रेट टू इंडियास सिक्युरिटी" और "आपरेशनल टैक्टिक्स नक्सलिस्म - माओइस्म" नामक दो किताबें लिखी हैं।

BSF के अतिरिक्त महानिदेशक के पद से सेवानिवृत्त पी. के. मिश्रा ने Sputnik को बताया कि पाकिस्तान से आने वाली ड्रग्स सबसे ज्यादा पंजाब के गुरदासपुर और उसके बाद जम्मू बॉर्डर से आती है। ड्रोन, पाइप, टनल और लैडर जैसे तरीकों से ड्रग्स को पाकिस्तान से भारत भेजा जाता है।

पाकिस्तान ड्रग्स को ड्रोन से भेजता है। यह स्टेल्थ और नीचे उड़ने वाले होते है जो 1000 किलोमीटर तक उड़ सकते हैं। इसको वह रात में भेजते हैं और दूसरा जरिया है फेन्सिंग के ऊपर से इस तरफ फेंकना उसके बाद जहाँ यह गिरता है वहां से उनके स्लीपर सेल्स पिक अप करते हैं इसके अलावा एक और सिस्टम है। यह फेन्सिंग में पाइप्स लगाते हैं और पाइप्स के बीच से वो ड्रग्ज़ भेजते हैं। दूसरा ये सभी लोग ट्रेनिंग लिए हुए है, जिसमें वह 14-18 फिट की प्लास्टिक की लेडर के जरिए फेन्सिंग को पार कर लेते हैं," BSF से अतिरिक्त महानिदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुए प्रवास कुमार मिश्रा ने बताया।

पी. के. मिश्रा ने आगे बताया कि सुरंग के जरिए सबसे अधिक तस्करी की जाती है। BSF ने पिछले तीन वर्षों में जम्मू फ्रंट (भारत-पाकिस्तान आईबी) पर लगभग 192 किमी में कम से कम पांच भूमिगत सुरंगों का पता लगाया है।आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, दो ऐसी सीमा-पार सुरंगों का पता 2020 और 2021 में लगाया गया था, जबकि एक पिछले साल मिली थी और ये सभी जम्मू के इंद्रेश्वर नगर सेक्टर में पाई गई थीं, और वहीं ड्रोन की बात करें तो यह दो तरह के भारत में आते हैं जिसमें एक ड्रोन इस तरफ आकार गिर जाता है और दूसरा सटीक जगह सामान डालकर वापस पाकिस्तान लौट जाता है।

"एक और जरिया है सुरंग, अब तक यह 10 से 15 की संख्या में सीमा सुरक्षा बाल (BSF) ने पंजाब बॉर्डर और जम्मू बॉर्डर में भी रिकवर की हैं, जिसके जरिए ड्रग्ज़, हथियार और फेक करेंसी, उनके साथ खालिस्तानी कमांडोस और आतंकवादी वहाँ से क्रॉस भी करते हैं और सबसे ज्यादा ड्रग्स तो सुरंग के जरिए ही आ सकता है। सुरंग तकरीबन आधा किलोमीटर पाकिस्तान के साइड से शुरू होती है और हमारे यहां तकरीबन एक किलोमीटर के पीछे खुलती है। आप देख लीजिये USA से मेक्सिको बॉर्डर में सुरंगे चल रही थी, उसमें छोटे छोटे रेलवे लाइन भी लगा दिए गए थे और उसके जरिए वह सामान के साथ लोगों को भेजते रहते थे," पी. के. मिश्रा ने Sputnik को बताया।

BSF ने 2020 में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर करीब 79 ड्रोन उड़ानों का पता लगाया था, जो 2021 में बढ़कर 109 हो गई और 2022 में 266 पर दोगुनी से अधिक हो गई थी। सीमा सुरक्षा बल ने पिछले चार दिनों में पांचवें पाकिस्तानी ड्रोन को रोका जो पंजाब में ड्रग्स गिराने के लिए आया था। पी. के. मिश्रा ने बताया कि पाकिस्तान के पास कम्बाइन्ड एरियल व्हीकल है जो उसकी ताकत है। वह लगातार सीमा पर इसका इस्तेमाल बड़ी तदात में कर रहा है।
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"पिछले साल BSF के महानिदेशक पंकज सिंह के मुताबिक BSF ने 226 ड्रोन को मार गिराया था, उसमें से एक महिला कॉन्स्टेबल ने अमृतसर बॉर्डर पर मार गिराया था। 226 तो आधिकारिक आकड़ा है अभी तो और ज्यादा तादाद में होंगे। ड्रोन रोज़ अंदरूनी क्षेत्र में आ कर एक दम सटीक जगह पर ड्रग्स ड्रॉप कर देते हैं। यहाँ दो तरह के ड्रोन आते हैं जिनमें एक तरह का ड्रोन ड्रग्स को ड्रॉप करने के साथ गिर जाता है उनके आदमी उठाकर ले जाते हैं और दूसरी तरह का ड्रोन सही जगह ड्रॉप करके वापस पाकिस्तान चले जाते हैं, अभी इस हफ्ते में ही दो से तीन बार ड्रोन आ चुके हैं," प्रवास कुमार मिश्रा ने कहा।

बात की जाए सीमा पार से आने वाले सामान को रोकने की तो ऐसे कई तरीके हैं जिससे इन्हे रोका जा सकता है। सुरक्षा विशेषज्ञ मिश्रा ने Sputnik को बताया कि अगर संभव हो तो ज्यादा जवान तैनात किए जाए वह सबसे बढ़िया तरीका है इससे निपटने का, लेकिन आज के समय में तकनीक बहुत आगे निकल चुकी है जिसकी मदद से बॉर्डर के आस पास बनी हुई सुरंग का पता लगया जा सकता है। देश के रक्षा अनुसंधान इस पर रिसर्च कर रहे है, लेकिन हमें ड्रोन तकनीक में जल्द ही निपुणता प्राप्त करनी होगी।
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"आपको देखना पड़ेगा की रात को या दिन में क्या हो क्या रहा है? क्योंकि ये क्षेत्र बड़ा नाजुक है हमको उसे रोकना पड़ेगा।पंजाब और जम्मू बॉर्डर में मुख्यतः बहुत सुरंग ऑलरेडी पकड़ी गई हैं जिसके जरिए आतंकवादी, ड्रग्स और हथियार भारत आते थे, अब हम ज्यादा नहीं बैठ सकते। अब हमको एंट्री ड्रोन इक्विपमेंट जिस पर BSF और DRDO रिसर्च कर रहे हैं, इसके अलावा बॉर्डर गार्डिंग फोर्स को एंटी टनल सिस्टम और ड्रोन्स डिटेक्शन सिस्टम को तवज्जो देना पड़ेगा। लो फ्लाइंग ऑब्जेक्ट, अनमेंड कम्बैट एयर वीइकल (UCV) जो पाकिस्तान से आते हैं उन्हें मार गिराने के लिए हमको बिल्कुल सीमा पर सक्रिय रहना पड़ेगा," BSF से अतिरिक्त महानिदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुए प्रवास कुमार मिश्रा ने बताया।

पड़ोसी देश पाकिस्तान की भारत के राज्य पंजाब के साथ 500 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा साझा करता है जिसे BSF द्वारा संरक्षित किया जाता है। ड्रोन और मानव रहित हवाई वाहन पाकिस्तान से ड्रग्स और हथियार और गोला-बारूद के साथ भारत के लिए उड़ान भरते हैं और यह पिछले तीन-चार साल से सुरक्षा एजेंसियों के लिए सर दर्द बने हुए हैं।
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