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राज्य में अमित शाह के दौरे से पहले ताजा हिंसा में 1 पुलिसकर्मी समेत 5 की मौत

मणिपुर में अब तक जातीय संघर्ष में 75 से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं। राज्य के पहाड़ी जिलों में 3 मई को आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद यह संघर्ष शुरू हुए थे, इस मार्च में मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मांग का विरोध किया गया था।
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भारत के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में संघर्ष की अलग-अलग घटनाओं में एक पुलिसकर्मी सहित कम से कम पांच लोगों की मौत और 12 लोग घायल हो गए।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में हिंसा तब हुई जब शांति स्थापित करने के लिए भारतीय सेना ने समुदायों से हथियारों की बरामदगी के लिए तलाशी अभियान शुरू किया था।
स्थानीय मीडिया ने एक अधिकारी के हवाले से सोमवार को बताया कि सेना और अर्धसैनिक बल इंफाल घाटी और आसपास के जिलों में तलाशी अभियान चला रहे हैं। आगे अधिकारी ने बताया कि तलाशी का उद्देश्य हथियारों के अवैध जखीरे को जब्त करना है। ताजा हिंसा की घटनाओं के बाद अधिकारियों ने इम्फाल पूर्वी और पश्चिमी जिलों में कर्फ्यू की अवधि 11 घंटे से घटाकर साढ़े छह घंटे कर दिया।
मीडिया से बात करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को बताया कि सुरक्षा बलों ने घरों में आग लगाने और नागरिकों पर गोलीबारी करने में शामिल लगभग 40 सशस्त्र आतंकवादियों को मार गिराया। आगे उन्होंने कहा कि सशस्त्र आतंकवादियों ने AK-47, M-16 और स्नाइपर राइफलों से नागरिकों पर गोलीबारी की।
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इस बीच, देश के गृह मंत्री अमित शाह स्थिति का जायजा लेने के लिए सोमवार को मणिपुर के चार दिवसीय दौरे पर जाएंगे।
राज्य में सामान्य स्थिति वापस लाने के लिए भारतीय सेना और असम राइफल्स के लगभग 140 कॉलम तैनात किए गए हैं, जिसमें 10,000 से अधिक सैन्य कर्मियों के अलावा अन्य अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया हैं।
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