विश्व बैंक के अनुसार वृद्धि दर में सुस्ती के बावजूद कुल और प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (GDP) दोनों के मामले में भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
"वर्ष 2025-26 तक विकास में थोड़ी तेजी आने का अनुमान है क्योंकि मुद्रास्फीति के संतोषजनक दायरे के मध्य बिंदु तक आने तथा सुधारों की वजह से लाभ मिलेगा," विश्व बैंक ने कहा।
विश्व बैंक ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत की विकास दर 6.3%, 2024-25 में 6.4% और वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 6.5% की वृद्धि का अनुमान लगाया है। विश्व बैंक के अनुसार भारत दक्षिण एशियाई क्षेत्र की विकास संभावनाओं को ऊपर उठाएगा।
"भारत में साल 2023 की शुरुआत में वृद्धि महामारी पूर्व के दशक में हासिल स्तर से कम रही। इसकी वजह यह है कि ऊंचे मूल्य और कर्ज की लागत बढ़ने से निजी निवेश प्रभावित हुआ। हालांकि, साल 2022 की दूसरी छमाही में गिरावट के बाद वर्ष 2023 में विनिर्माण क्षेत्र की स्थिति सुधर रही है," विश्व बैंक ने कहा।
विचारणीय है कि इस वर्ष की दूसरी छमाही में वैश्विक वृद्धि में उल्लेखनीय रूप से कमी आने के साथ 2024 में कमजोरी जारी रहने का विश्व बैंक ने अनुमान जताया है। विश्व बैंक के नवीनतम अनुमानों से संकेत मिलता है कि साल 2023 और 2024 में वैश्विक अर्थव्यवस्था कमजोर बनी रहेगी और इसमें और गिरावट का खतरा बना रहेगा।