समान नागरिक संहिता (UCC) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रुख की आलोचना करने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधा।
विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा "समान नागरिक संहिता हमारे संविधान में लिखा है। संविधान के अनुच्छेद 44 में इसे राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत के रूप में उल्लेखित किया गया है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी है।"
"कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। कोई विसंगति नहीं होनी चाहिए, समाज में शोषित, वंचित और उत्पीड़ित लोगों सहित सभी को न्याय का अधिकार सुनिश्चित किया जाना चाहिए। समाज में समानता होनी चाहिए," केंद्रीय मंत्री ने कहा।
भाजपा पर पसमांदा मुस्लिम समुदाय को लुभाकर मुसलमानों के बीच विभाजन पैदा करने की कोशिश करने का विपक्षी दलों द्वारा आरोप लगाने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि "उन्हें समाज के शोषित, वंचित और उत्पीड़ित वर्गों के लोगों के लिए कुछ नहीं करने पर शर्मिंदा होना चाहिए।"
"प्रधानमंत्री कुछ भी कह सकते हैं, लेकिन उन्हें इस देश के वास्तविक समस्याओं यानी बेरोजगारी, महंगाई और मणिपुर मुद्दे हल करना होगा," यूसीसी पर मोदी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा।
इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम की आलोचना की और पूछा, 'क्या आप देश से इसकी बहुलता और विविधता को छीन लेंगे?'
गौरतलब है कि भोपाल में एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समान नागरिक संहिता की पुरजोर वकालत करते हुए कहा कि संविधान में भी सभी नागरिकों को समान अधिकार देने का जिक्र है। साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा ने फैसला किया है कि वह तुष्टीकरण और वोट बैंक की राजनीति का रास्ता नहीं अपनाएगी और आरोप लगाया कि विपक्ष यूसीसी के मुद्दे का इस्तेमाल मुस्लिम समुदाय को गुमराह करने और भड़काने के लिए कर रहा है।