पाकिस्तान की एक जवाबदेही अदालत ने गुरुवार को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनके परिवार के सदस्यों को करोड़ों डॉलर के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बरी कर दिया, क्योंकि भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसी उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत देने में विफल रही।
"जवाबदेही न्यायालय ने 2020 में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) द्वारा दायर 7 बिलियन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रधानमंत्री शहबाज, उनकी पत्नी नुसरत, उनके बेटे हमजा और बेटी जावरिया को बरी कर दिया," अदालत के एक अधिकारी ने कहा।
साथ ही अधिकारी ने रेखांकित किया कि "अदालत ने प्रधानमंत्री और उनके परिवार के सदस्यों को बरी कर दिया क्योंकि जांच एजेंसी विदेशों में, खासकर यूनाइटेड किंगडम में लाखों डॉलर की हेराफेरी के संबंध में संदिग्धों के खिलाफ कोई ठोस सबूत देने में विफल रही।"
"हालांकि, अदालत ने प्रधानमंत्री की दूसरी बेटी राबिया इमरान को भगोड़ा घोषित कर दिया और उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया," अधिकारी ने कहा।
दरअसल मनी लॉन्डरिंग मामले में नाम आने के बाद से राबिया ब्रिटेन चली गई थीं।
बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में संघीय जांच एजेंसी (FIA) की एक विशेष अदालत ने पीएम शहबाज शरीफ को 16 बिलियन से अधिक के धन शोधन के आरोप में भी बरी कर दिया था।