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पाकिस्तान की अदालत ने इमरान खान की 9 जमानत याचिकाएं कीं खारिज

अदालत ने तोशखाना उपहारों की फर्जी रसीद से संबंधित मामले में इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी की अंतरिम जमानत 7 सितंबर तक बढ़ा दी है।
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इस्लामाबाद की स्थानीय अदालतों ने पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान की नौ याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिनमें हिंसक विरोध प्रदर्शन पर उनके खिलाफ दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) के संबंध में जमानत की मांग की गई थी, पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट में कहा गया।
मंगलवार को, इस्लामाबाद की आतंकवाद विरोधी अदालत (ATC) ने तीन जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं और अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (ADSJ) मोहम्मद सोहेल ने खान के लिए गिरफ्तारी पूर्व जमानत की मांग करने वाली छह याचिकाएं खारिज कर दीं।
दरअसल पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के अध्यक्ष इमरान खान के खिलाफ खन्ना और बरकाहू पुलिस स्टेशनों में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, न्यायाधीश ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के आलोक में इमरान खान की जमानत को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है।

इस साल 9 मई को भ्रष्टाचार के एक मामले में पीटीआई प्रमुख की गिरफ्तारी के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था और पार्टी समर्थकों ने देश के कई हिस्सों में रक्षा और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला कर दिया था। हिंसा में कथित संलिप्तता के लिए सैकड़ों पीटीआई कार्यकर्ताओं और नेताओं को गिरफ्तार किया गया था, जबकि अधिकारियों ने पूर्व प्रधान मंत्री पर हिंसक विरोध प्रदर्शन का मास्टरमाइंड होने का आरोप लगाया था।
बता दें कि अपदस्थ प्रधानमंत्री को इस महीने की शुरुआत में फिर से अटॉक जेल में सलाखों के पीछे डाल दिया गया था, जब इस्लामाबाद की एक ट्रायल कोर्ट ने उन्हें तोशखाना (राज्य डिपॉजिटरी) की आय को छिपाने का दोषी पाए जाने के बाद तीन साल की जेल की सजा सुनाई थी और 100,000 रुपये का जुर्माना लगाया था। इसके बाद, पाकिस्तान चुनाव आयोग (ECP) ने उन्हें सार्वजनिक पद संभालने से पांच सालों के लिए अयोग्य घोषित कर दिया।
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