भारतीय वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, रूस से कच्चे तेल और उर्वरक की बढ़ती खेप के कारण इस वित्तीय वर्ष की अप्रैल-जुलाई अवधि के दौरान रूस से भारत का आयात दोगुना होकर 20.45 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों के दौरान रूस भारत का दूसरा सबसे बड़ा आयात स्रोत बन गया है। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के दौरान आयात 10.42 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
दरअसल रूस-यूक्रेन संघर्ष से पहले भारत की आयात टोकरी में बाजार हिस्सेदारी 1 प्रतिशत से भी कम थी। वहीं भारत के तेल आयात में मास्को की हिस्सेदारी बढ़कर 40 प्रतिशत से अधिक हो गई है।
मंत्रालय के आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि अप्रैल-जुलाई की अवधि के दौरान चीन से भारत का आयात घटकर 32.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर रह गया है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 34.55 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
इसी प्रकार, अप्रैल-जुलाई 2023 में समीक्षाधीन अवधि के दौरान अमेरिका से आयात घटकर 14.23 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जो पिछले साल इसी अवधि में 17.16 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। वहीं अप्रैल-जुलाई 2023 के दौरान संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से आयात भी घटकर 13.39 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 18.45 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।