गुजरात में भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित परमाणु ऊर्जा संयंत्र इकाई ने पूरी क्षमता से परिचालन शुरू कर दिया है, भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को "एक और मील का पत्थर" प्राप्त करने के लिए बधाई दी। एक ट्वीट में उन्होंने कहा, "भारत ने एक और मील का पत्थर प्राप्त किया है। गुजरात में प्रथम सबसे बड़ा स्वदेशी 700 मेगावाट काकरापार परमाणु ऊर्जा संयंत्र यूनिट-3 पूरी क्षमता से परिचालन आरंभ कर रहा है।"
देश में परमाणु संयंत्रों का संचालन करने वाली न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) ने अपनी वेबसाइट पर एक नोट में कहा कि "केएपीपी-3 और 4 उन्नत सुरक्षा सुविधाओं के साथ 700 मेगावाट इकाई आकार के स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए दबावयुक्त भारी पानी रिएक्टर (PHWR) की भारत की पहली जोड़ी हैं। यूनिट-3 ने 30 जून, 2023 से वाणिज्यिक परिचालन आरंभ कर दिया है।"
दरअसल काकरापार यूनिट-3 मौजूदा परमाणु ऊर्जा संयंत्र का विस्तार है, जिसमें पहले से ही दो परिचालन इकाइयां, केएपीएस-1 और केएपीएस-2 थीं, प्रत्येक की क्षमता लगभग 220 मेगावाट (मेगावाट विद्युत) है। तीसरी इकाई पहली दो की तुलना में बड़ी और अधिक उन्नत है। एक अन्य इकाई (केएपीपी-4) का भी निर्माण किया गया है और यहां परिचालन मार्च 2024 तक आरंभ होने की आशा है।
बता दें कि न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने देश भर में 16 700 मेगावाट दबावयुक्त भारी पानी रिएक्टर (PHWR) बनाने की योजना बनाई है और इसके लिए वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृति दे दी है।