"गृह मंत्री द्वारा संसद में दिए गए बयान के अनुसार राहुल गांधी ने 256 विदेश यात्राएं की हैं। इसलिए यह नया नहीं है और दूसरी बात यह है कि वे विदेशी दौरों पर अधिक ध्यान देते रहे हैं। हालांकि, वे भारत जोड़ो यात्रा का दावा करते हैं लेकिन आप जानते हैं कि उनका इरादा विदेश जाने का है," राजनीतिक जानकार आर. राजागोपालन ने बताया।
"राहुल गांधी की मानसिकता के बारे में मेरी समझ यह है कि उनका कोई निश्चित एजेंडा नहीं है सिवाय इसके कि आप अडानी और चीन को जानते हैं और वे किसी और मुद्दे पर नहीं बोलते लेकिन जाने के बाद उनकी कमी न ही कांग्रेस को और न सरकार को होगी इसलिए वो यात्रा कर रहे हैं," वरिष्ठ पत्रकार राजागोपालन ने Sputnik को बताया।
"मेरी समझ यह है कि कांग्रेस शासन के दौरान भी भाजपा को भी किसी भी नीति निर्धारण के लिए आमंत्रित नहीं किया गया। यह वर्तमान सरकार की नीति है," आर. राजागोपालन ने आगे बताया।
"मैं राहुल गांधी पर कुछ नहीं कहना चाहता क्योंकि यह उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता है, वह जानते हैं कि वह भारत में रहें या न रहें सरकार पर उनकी उपस्थिति या अनुपस्थिति से कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, विदेशी प्रतिनिधि सरकार की तलाश करते हैं, विपक्ष की नहीं," वरिष्ठ पत्रकार राजागोपालन ने बताया।