विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

भारत का सौर विनिर्माण 2026 तक 100 गीगावॉट तक पहुंच जाएगा: अधिकारी

भारत का 2030 तक 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता प्राप्त करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य है और यह लक्ष्य अपनी विद्युत ऊर्जा क्षमता का 50 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित स्रोत जैसे सौर, पवन ऊर्जा और हरित हाइड्रोजन से प्राप्त करना है।
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भारत वैश्विक स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण आपूर्ति श्रृंखला में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरेगा और एक निर्यातक बन जाएगा क्योंकि देश की सौर विनिर्माण क्षमता 2026 तक 100 गीगावॉट तक पहुंच जाएगी, वरिष्ठ अधिकारी ने कहा।

"हमारा लक्ष्य भारत को नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण का अग्रणी वैश्विक आपूर्तिकर्ता बनाना है," नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा सचिव भूपिंदर सिंह भल्ला ने एक कार्यक्रम में कहा।

इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत के पास 28 गीगावॉट सौर मॉड्यूल विनिर्माण क्षमता और 6 गीगावॉट सौर सेल विनिर्माण क्षमता है।

"हमें हर साल 30 से 40 गीगावॉट सौर ऊर्जा क्षमता जोड़ने की आवश्यकता है। हमारे पास अभी भी निर्यात के लिए एक बहुत बड़ी पर्याप्त क्षमता है। यही कारण है कि, भारत सौर उपकरण की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक प्रमुख देश बन जाएगा," भल्ला ने कहा।

बता दें कि ऊर्जा-नीति थिंक टैंक REN21 (21वीं सदी के लिए नवीकरणीय ऊर्जा नीति नेटवर्क) की ग्लोबल स्टेटस रिपोर्ट के अनुसार, भारत नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित क्षमता में चौथे स्थान पर है।
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