यूक्रेन के राष्ट्रपति के कार्यालय प्रमुख के सलाहकार मायखाइल पोडोल्याक ने हाल के दिनों में दूसरी बार भारत और चीन की "कमजोर क्षमता" की टिप्पणी की – इस बार उन्होंने "कम बौद्धिक क्षमता" की जगह "कम विश्लेषणात्मक क्षमता" की बात की।
आपको याद दिला दें कि 12 सितंबर को पोडोल्याक ने कहा, “दुर्भाग्य से इन देशों [भारत और चीन] की बौद्धिक क्षमता कम है”, क्योंकि वे अपने कदमों के परिणाम नहीनन समझते और यूक्रेनी संघर्ष से लाभ उठाते हैं।
इसके बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने इस बयान को स्पष्ट करने की मांग की, जिस पर पोडोल्याक ने कहा कि उनके शब्दों को संदर्भ से बाहर कर दिया गया है। साथ ही, उन्होंने रूसी मीडिया पर आरोप लगाया कि उसकी वजह से उनके बयान का "अर्थ विकृत" हो गया।
16 सितंबर को यूक्रेनी मीडिया UNIAN के संवाददाता ने "संपादकीय बोर्ड. समिट" कार्यक्रम के दौरान बताया कि पोडोल्याक ने पुनः अपनी बातें समझाने का प्रयास किया। पोडोल्याक ने कहा कि अपमानजनक टिप्पणी करते हुए उन्होंने अनुचित ढ़ंग से “बौद्धिक” शब्द का प्रयोग किया। पोडोल्याक के अनुसार "[भारत और चीन] की कम बौद्धिक क्षमता की जगह रूस के साथ सहयोग के हिसाब से उनकी कम विश्लेषणात्मक क्षमता” के बारे में कहना था।