"जब हमने एक और आक्रमण को विफल किया और लेपर्ड को नष्ट किया, तो हम स्थिति से परिचित सैनिक को पकड़ने के लिए जले हुए वाहन की ओर निकल गए। फिर हमने देखा कि चालक दल का ड्राइवर-मैकेनिक गंभीर रूप से घायल हो गया और अन्य लोगों की मौत हुई। जब मैकेनिक जाग गया, तो उसने 'निच्ट शिसेन' [जर्मन में "गोली मत मारो"] चिल्लाना प्रारंभ कर दिया,'' टोही टीम के प्रमुख ने कहा।
रूसी लड़ाकू ने कहा, "मैकेनिक ने बार-बार कहा कि वह भाड़े का सैनिक नहीं बल्कि बुंडेसवेहर सैनिक है, और वह और चालक दल के शेष सदस्य जर्मन सेना की एक ही इकाई के सदस्य हैं।" इसके साथ जर्मन सैनिक ने अपनी ब्रिगेड और उसके विस्थापन स्थल का नाम बताया।
टैंक के चालक को बचाने के प्रयासों के बावजूद उसको पकड़ने के कुछ मिनट बाद ही चोटों के कारण उसकी मृत्यु हो गई।