यूक्रेनी युद्धबंदी ने कहा कि यूक्रेन के सशस्त्र बलों के दर्जनों सैनिक लड़ाई के क्षेत्र में यूक्रेन के लिए बिगड़ती स्थिति और कमांडरों के झूठ बोलने के कारण अपनी सेवा को छोड़कर लड़ाई के मैदान से भाग जाते हैं।
यूक्रेनी सैनिक ने कहा, "मनोबल औसत से नीचे है। ऐसा संदेह है (कि सैनिकों की इकाई लड़ाई के दौरान मर जाएगी), लेकिन वे [कमांडर] हमें आश्वासन देते हैं, हमसे बात करते हैं और किसी तरह लोगों से रुकने को कहने में सफल हो जाते हैं। वे [सैनिक] उनपर भरोसा करते हैं, लेकिन सब कुछ बिलकुल उल्टा हो रहा है।"
युद्धबंदी ने समझाया कि सेवा को वे सैनिक छोड़ते हैं, जिन्होंने पहले से ही लड़ाई में हिस्सा लेकर वास्तविक स्थिति को देखा था।
उसने कहा, "उन्होंने हमें कुछ नहीं बताया। वे कई दिन तक वोदका पीते रहते थे, और फिर वे अपना सामान समेटकर चले जाते थे। [मैंने जो देखा] दस से अधिक ऐसे लोग थे, हो सकता है 50 से अधिक। बहुत सारे लोग चले गए। वे बस सब कुछ छोड़-छाड़कर चले जाते हैं। शायद इस एहसास के कारण कि कमांडर झूठ बोलते हैं। उनकी सारी बातें झूठी हैं। लोग समझते हैं कि यह एक मांस की चक्की है, जहां आप बस मृत्यु की ओर जा रहे हैं।"
आपको याद दिला दें कि यूक्रेन के जवाबी हमले को करीब चार महीने बीत चुके हैं। इनके दौरान कीव ने 18 हज़ार हथियारों को खो दिया है। इनमें जर्मन लेपर्ड टैंक, फ्रांसीसी AMX टैंक, ब्रिटिश चैलेंजर-2 टैंक और अमेरिकी बख्तरबंद लड़ाकू वाहन ब्रैडली सम्मिलित हैं। यूक्रेन ने जिन टैंकों को खो दिया है, उनकी संख्या 543 तक पहुंच गई है।
विश्लेषकों का मानना है कि लड़ाई के क्षेत्र में यूक्रेनी सशस्त्र बलों की सफलता की कमी के कारण यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की अमरीकी समर्थन से वंचित हो सकते हैं और इसके उपरांत राष्ट्रपति पद से त्यागपत्र दे सकते हैं।