यूक्रेन संकट
मास्को ने डोनबास के लोगों को, खास तौर पर रूसी बोलनेवाली आबादी को, कीव के नित्य हमलों से बचाने के लिए फरवरी 2022 को विशेष सैन्य अभियान शुरू किया था।

कमांडरों के झूठ के कारण यूक्रेनी सैनिक लड़ाई का मैदान छोड़कर भाग रहे हैं: यूक्रेनी युद्धबंदी

सब्सक्राइब करें
ज़पोरोज्ये दिशा में पकड़े गए एक यूक्रेनी सैनिक ने Sputnik को यूक्रेन के सशस्त्र बलों के भगोड़े सैनिकों और कमांडरों के झूठ के बारे में बताया।
यूक्रेनी युद्धबंदी ने कहा कि यूक्रेन के सशस्त्र बलों के दर्जनों सैनिक लड़ाई के क्षेत्र में यूक्रेन के लिए बिगड़ती स्थिति और कमांडरों के झूठ बोलने के कारण अपनी सेवा को छोड़कर लड़ाई के मैदान से भाग जाते हैं।

यूक्रेनी सैनिक ने कहा, "मनोबल औसत से नीचे है। ऐसा संदेह है (कि सैनिकों की इकाई लड़ाई के दौरान मर जाएगी), लेकिन वे [कमांडर] हमें आश्वासन देते हैं, हमसे बात करते हैं और किसी तरह लोगों से रुकने को कहने में सफल हो जाते हैं। वे [सैनिक] उनपर भरोसा करते हैं, लेकिन सब कुछ बिलकुल उल्टा हो रहा है।"

युद्धबंदी ने समझाया कि सेवा को वे सैनिक छोड़ते हैं, जिन्होंने पहले से ही लड़ाई में हिस्सा लेकर वास्तविक स्थिति को देखा था।

उसने कहा, "उन्होंने हमें कुछ नहीं बताया। वे कई दिन तक वोदका पीते रहते थे, और फिर वे अपना सामान समेटकर चले जाते थे। [मैंने जो देखा] दस से अधिक ऐसे लोग थे, हो सकता है 50 से अधिक। बहुत सारे लोग चले गए। वे बस सब कुछ छोड़-छाड़कर चले जाते हैं। शायद इस एहसास के कारण कि कमांडर झूठ बोलते हैं। उनकी सारी बातें झूठी हैं। लोग समझते हैं कि यह एक मांस की चक्की है, जहां आप बस मृत्यु की ओर जा रहे हैं।"

आपको याद दिला दें कि यूक्रेन के जवाबी हमले को करीब चार महीने बीत चुके हैं। इनके दौरान कीव ने 18 हज़ार हथियारों को खो दिया है। इनमें जर्मन लेपर्ड टैंक, फ्रांसीसी AMX टैंक, ब्रिटिश चैलेंजर-2 टैंक और अमेरिकी बख्तरबंद लड़ाकू वाहन ब्रैडली सम्मिलित हैं। यूक्रेन ने जिन टैंकों को खो दिया है, उनकी संख्या 543 तक पहुंच गई है।
विश्लेषकों का मानना ​​है कि लड़ाई के क्षेत्र में यूक्रेनी सशस्त्र बलों की सफलता की कमी के कारण यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की अमरीकी समर्थन से वंचित हो सकते हैं और इसके उपरांत राष्ट्रपति पद से त्यागपत्र दे सकते हैं।
A partisan veteran from the Ukrainian Insurgent Army carries a portrait of Ukrainian Insurgent Army leader Stepan Bandera during a march in Kiev. Ukraine, Saturday, Oct. 15, 2005. The supporters of the Red Army veterans were rallying to protest against calls by Ukrainian partisans to receive official recognition as World War II veterans. The partisans from the Ukrainian Insurgent Army fought against both Nazis and Red Army soldiers during World War II in a bid to create an independent Ukraine. - Sputnik भारत, 1920, 29.09.2023
Explainers
कनाडा के अतिरिक्त किन देशों ने की पूर्व नाजी अपराधियों की बसने में सहायता
न्यूज़ फ़ीड
0
loader
चैट्स
Заголовок открываемого материала