भारत मंगल ग्रह पर एक और अंतरिक्ष यान भेजने के लिए तैयार है, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अधिकारियों ने कहा है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मार्स ऑर्बिटर मिशन -2, जिसे अनौपचारिक रूप से मंगलयान -2 के रूप में जाना जाता है, चार पेलोड ले जाएगा। वैज्ञानिक उपकरण मंगल ग्रह के पहलुओं का अध्ययन करेंगे, जिसमें अंतरग्रहीय धूल, और मंगल ग्रह का वातावरण और पर्यावरण शामिल हैं।
मिशन दस्तावेज़ के अनुसार, दूसरा मिशन एक मार्स ऑर्बिट डस्ट एक्सपेरिमेंट (MODEX), एक रेडियो ऑकल्टेशन (RO) प्रयोग, एक ऊर्जावान आयन स्पेक्ट्रोमीटर (EIS) और एक लैंगमुइर प्रोब और इलेक्ट्रिक फील्ड एक्सपेरिमेंट (LPEX) ले जाएगा।
"MODEX मंगल ग्रह पर उच्च ऊंचाई पर उत्पत्ति, बहुतायत, वितरण और प्रवाह को समझने में मदद करेगा। मंगल ग्रह पर अंतरग्रहीय धूल कणों (IDP) का कोई माप नहीं है। उपकरण हाइपरवेलोसिटी (> 1 किमी/सेकेंड) पर यात्रा करते हुए कुछ सौ नैनोमीटर से कुछ माइक्रोमीटर तक के आकार के कणों का पता लगा सकता है। परिणाम मंगल ग्रह पर धूल के प्रवाह को समझाने में मदद कर सकते हैं," मिशन दस्तावेज़ में कहा गया।
बता दें कि पहला मंगल ऑर्बिटर मिशन भारत की पहली अंतरग्रहीय पहल थी। इसे 5 नवंबर, 2013 को ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान PSLV-C25 से लॉन्च किया गया था। इस मिशन की सफलता के साथ, अंतरिक्ष एजेंसी मंगल ग्रह की कक्षा में अंतरिक्ष यान स्थापित करने वाली दुनिया की चौथी और अपने पहले प्रयास में ऐसा करने वाली पहली एजेंसी बन गई।