हालाँकि, इस क्षेत्र में शामिल भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, मालदीव और श्रीलंका के लिए वर्ष 2024 में आर्थिक वृद्धि 5.9% से घटाकर 5.6% कर दी गईं। वहीं साल 2025 में 5.6% की आर्थिक वृद्धि की उम्मीद है।
अंतर्राष्ट्रीय निकाय ने वित्तीय वर्ष 2022-2023 में भारत के सकल घरेलू अनुपात (GDP) के वृद्धि अनुमान को अप्रैल के 6.9% से संशोधित कर 7.2% कर दिया और मार्च 2024 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के अपने पूर्वानुमान को 6.3% पर बनाए रखा है। विश्व बैंक का अनुमान है कि वित्तीय वर्ष 2024-2025 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.4% हो जाएगी।
"महामारी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था की पुनःप्राप्ति धीमी होने के बावजूद, अन्य प्रमुख उभरते बाजारों और अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में तेज गति से बढ़ने की उम्मीद है," रिपोर्ट में कहा गया है।
जारी रिपोर्ट के अनुसार, क्षेत्र की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत, अपनी आर्थिक गति बनाए रखेगी और मार्च 2025 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में 6.4% की वृद्धि होने की संभावना है, जो 2023-24 में 6.3% से अधिक है।
बता दें कि विश्व बैंक के अनुसार, दक्षिण एशिया ने पिछले वर्ष 8.2% की मजबूत आर्थिक विकास दर दर्ज की।