भारत सरकार ने शुरुआत में देश में वेफर फैब्रिकेशन प्लांट सहित सेमीकंडक्टर विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने के लिए 10 बिलियन डॉलर का प्रोत्साहन राशि निर्धारित किया है।
वेफर फैब्रिकेशन प्लांट भौतिक चिप्स का पहला बिल्डिंग ब्लॉक है जिसका उपयोग सभी हाई-टेक इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में किया जाता है।
“टेलीकॉम और ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) सेमीकंडक्टर्स के लिए एक बड़े सेगमेंट के रूप में उभरे हैं। यदि हम इन खंडों में उपयोग किए जाने वाले चिप्स के विकास और विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो हम इन दो खंडों में वैश्विक नेता बन सकते हैं," वैष्णव ने कहा।
साथ ही उन्होंने कहा कि "इन उभरते क्षेत्रों पर फोकस करते हुए काम किया जा रहा है। आने वाले महीनों में हमें कुछ अच्छी सफलता मिलनी चाहिए। यह फैब (वेफर फैब्रिकेशन), डिजाइन, विनिर्माण, संपूर्ण (पारिस्थितिकी तंत्र) होगा।”
सेमीकंडक्टर असेंबली प्लांट का निर्माण शुरू
मेमोरी चिप निर्माता माइक्रोन ने पिछले महीने गुजरात के साणंद में सेमीकंडक्टर असेंबली प्लांट का निर्माण शुरू किया था। कंपनी ने जून में गुजरात में सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट प्लांट स्थापित करने की घोषणा की, जिसमें कुल 2.75 बिलियन डॉलर (लगभग 22,540 करोड़ रुपये) का निवेश होगा।
दरअसल माइक्रोन दो चरणों में प्लांट स्थापित करने में 825 मिलियन डॉलर तक का निवेश करेगी और बाकी निवेश केंद्र और राज्य सरकार से आएगा।
गौरतलब है कि सरकार ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत वित्त वर्ष 2023-24 तक पहले स्वदेशी चिपसेट को व्यावसायिक रूप से पेश करने की समय सीमा पहले ही तय कर दी है।
बता दें कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास और सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (CDAC) ने इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के माइक्रोप्रोसेसर डेवलपमेंट प्रोग्राम के तत्वावधान में ओपन सोर्स आर्किटेक्चर का उपयोग करके क्रमशः शक्ति (32-बिट) और वेगा (64-बिट) नामक दो माइक्रोप्रोसेसर विकसित किए हैं।