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'तोसोचका' भारी फ्लेमेथ्रोवर प्रणाली: रूसी नवीनतम हथियार की विशेषताएं

रूसी सैनिक नई प्रणाली तोसोचका की विशेषताओं की अत्यधिक सराहना करते हैं। इससे गतिशीलता, मारक क्षमता, रेंज और सटीकता में वृद्धि हुई है।
Sputnik
रूसी नवीनतम भारी फ्लेमेथ्रोवर प्रणाली TOS-2 "तोसोचका" का उपयोग पहली बार विशेष सैन्य अभियान में किया गया है।
TOS-2 भारी फ्लेमेथ्रोवर प्रणाली अपने पूर्ववर्तियों, TOS-1 "बुराटिनो" और TOS-1A "सोलनत्सेपेक" से किस प्रकार भिन्न है?
गोलों की संख्या 24 से घटाकर 18 हो गई है, लेकिन फायरिंग रेंज (विशेषज्ञों के अनुसार) 14-15 किमी तक बढ़ा दी गई है। आग के लिए प्रभावी कवरेज क्षेत्र पिछले 40,000 वर्ग मीटर की तुलना में बढ़कर 60,000 वर्ग मीटर हो गया है। निशाना लगाना और आग पर नियंत्रण अब पूरी तरह से स्वचालित हैं।
इसके अलावा, TOS-2 में एक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली शामिल है और इसमें गोला-बारूद लोड करने के लिए अपनी स्वयं की क्रेन की सुविधा है, जो पिछले संस्करणों की तुलना में एक सुधार है जो विशेष परिवहन-लोडिंग मशीनरी पर निर्भर थे।
निर्माताओं का सुझाव है कि TOS-2 की महत्वपूर्ण निर्यात क्षमता है। हालांकि पुराने संस्करणों के आधुनिकीकरण की उम्मीद है, TOS-2, TOS-1 और TOS-1A दोनों की जगह लेने के लिए तैयार है।
यूक्रेन के सशस्त्र बलों ने जून की आरंभ में अपना बहुप्रचारित प्रतिउत्तरी आक्रमण प्रारंभ किया था। शीघ्र ही वे रूस की प्रबल रक्षा-पंक्ति और बारूदी सुरंगों में फंस गए। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार यूक्रेन ने 90 हज़ार से अधिक सैनिक, 557 टैंक और लगभग 1,900 बख्तरबंद वाहन खो दिए।
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