मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गौरी मिसाइल के परीक्षण का उद्देश्य सेना रणनीतिक बल कमान की परिचालन और तकनीकी तत्परता का परीक्षण करना था।
"आर्मी स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड (ASFC) की परिचालन और तकनीकी तैयारी का परीक्षण करना है," सेना द्वारा उद्देश्य के बारे में जारी बयान में कहा गया।
प्रक्षेपण को कमांडर एएसएफसी, रणनीतिक बलों के वरिष्ठ अधिकारियों, वैज्ञानिकों और रणनीतिक संगठन के इंजीनियरों ने देखा।
एक सप्ताह पहले पाकिस्तान ने बैलिस्टिक मिसाइल अबाबील हथियार प्रणाली का उड़ान परीक्षण किया था। हालांकि सोशल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, परीक्षण कथित तौर पर गलत हुआ था, जिसकी वजह से मिसाइल बलूचिस्तान में जा गिरी थी।
माना जाता है कि तब मिसाइल का परीक्षण एक गुप्त स्थान में किया गया था, लेकिन मिसाइल ने रास्ता खो दिया था, जिसके बाद यह डेरा बुगती के फेलवाघ इलाके में गिर गई, जहां कथित तौर पर इसका मलबा खोजा गया।