रिपोर्ट में कहा गया है कि यह वायु रक्षा प्रणाली 350 किमी की दूरी तक किसी भी तरह के लक्ष्य को पता लगाकर भेदने में सफल होगी। इसके साथ यह कहा गया है कि इस परियोजना को 'कुशा' का नाम दिया गया है।
मीडिया के अनुसार, यह उम्मीद है कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित की जा रही है इस मिसाइल (LR-SAM) प्रणाली की लक्ष्य नष्ट करने की क्षमता रूस की सबसे खतरनाक S-400 ट्रायम्फ मिसाइल वायु रक्षा प्रणाली जैसी होगी।
मई 2022 में सुरक्षा पर कैबिनेट समिति ने LR-SAM प्रणाली के विकास को "मिशन-मोड" के रूप में मंजूरी दी थी। इसके अलावा रक्षा मंत्रालय ने पिछले महीने 21,700 करोड़ रुपये की लागत से भारतीय वायुसेना के लिए अपने पांच स्क्वाड्रन की खरीद के लिए आवश्यकता की स्वीकृति (AON) दी थी।
एक भारतीय समाचार पत्र ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि फुलस्क्रीन द्वारा संचालित मोबाइल LR-SAM दूर तक किसी भी गतिविधि पर नजर रखने के साथ साथ 150,250 और 350 किमी दूर दुशमन को मारने के लिए डिज़ाइन की गई इंटरसेप्टर मिसाइलें होंगी।
भारत और रूस के बीच 2018 में किए गए 5.43 बिलियन डॉलर के अनुबंध के तहत अगले एक साल में पांच S-400 ट्रायम्फ स्क्वाड्रन में से शेष दो प्राप्त होने की भी उम्मीद है। रेपोर्टों के अनुसार, इससे पहले तीन S-400 स्क्वाड्रन को उत्तर-पश्चिम और पूर्वी भारत में तैनात किया गया हैं।