गुरुग्राम के बंधवारी लैंडफिल से दमदमा झील तक अरावली के 15 किमी लंबे हिस्से के लिए तैयार किए गए संरक्षण खाके में बेहरामपुर गांव में एक तेंदुआ पार्क शामिल किया गया है।
दरअसल यह शहर में बड़ी बिल्लियों के भटकने की घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से गुरुग्राम 'तेंदुए पार्क' नामक एक परियोजना लेकर आया है, जिसके कारण इंसानों और जानवरों के बीच संघर्ष और त्रासदियों की भयानक घटनाएं हुईं।
"यह ध्यान में रखना उचित है कि तेंदुए गुरुग्राम और फरीदाबाद में अरावली, राजस्थान में सरिस्का टाइगर रिजर्व और दिल्ली में असोला भट्टी वन्यजीव अभयारण्य के बीच घूमते हैं," मीडिया रिपोर्ट में कहा गया।
गौरतलब है कि जयपुर में झालाना लेपर्ड सफारी पार्क, गुरुग्राम तेंदुआ पार्क के विकास के लिए मॉडल के रूप में काम करेगा, जिससे शहर में भटकती बड़ी बिल्लियों की समस्या का दीर्घकालिक समाधान होने की उम्मीद है।
बता दें अधिकारियों को अगले साल मार्च तक अध्ययन पूरा करने के लक्ष्य के साथ, अरावली का अध्ययन करने के लिए एक संगठन को नियुक्त करने के लिए सूचित किया गया था। हालाँकि, इससे पहले इस साल जुलाई में भारतीय मीडिया ने इस पहल के बारे में रिपोर्ट दी थी।