अतुल दिनाकर राणे ने कहा है कि ब्रह्मोस मिसाइल, जिसे वर्तमान में विश्व की सबसे तेज़ मिसाइल के रूप में जाना जाता है, आसियान के लिए बिल्कुल उपयुक्त है। इस से आसियान देश अपने विशिष्ट आर्थिक क्षेत्रों (ईईजेड) की रक्षा कर सकते हैं।
सीईओ ने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा कि "ब्रह्मोस तटीय और गहरे समुद्र में युद्ध अभियानों के लिए एक शक्तिशाली हथियार बन गया है"।
दक्षिण चीन सागर, जिसकी सीमा चीन, वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया और ब्रुनेई से लगती है, परस्पर विरोधी समुद्री दावों के कारण बीजिंग और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के मध्य विवादों का गवाह रहा है।
राणे ने यह भी कहा कि
ब्रह्मोस एयरोस्पेस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के निर्यात के लिए विश्व भर के कई देशों के साथ बातचीत कर रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में
भारत-रूस संयुक्त उद्यम के लिए और अधिक विदेशी ऑर्डर मिल सकते हैं।
उन्होंने खुलासा किया, "चाहे एशिया हो, अफ्रीका या दक्षिण अमेरिका, कई देशों ने ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने की इच्छा व्यक्त की है।"
ब्रह्मोस मिसाइल भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया (एनपीओएम) द्वारा मिलकर विकसित की गई है। इसे हवा, जमीन, समुद्र और पानी के नीचे के प्लेटफार्मों से लॉन्च किया जा सकता है।
राणे ने कहा कि भारत-रूस संयुक्त उद्यम इकाई ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा विकसित ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का वर्तमान संस्करण कम से कम एक दशक तक वैश्विक बाजार में नेता बना रहेगा। राणे ने कहा, "हमें आने वाले वर्षों में प्रौद्योगिकी के मामले में ब्रह्मोस के करीब कोई अन्य मिसाइल नहीं दिखती है।"
राणे ने विश्वास व्यक्त किया कि ब्रह्मोस मिसाइल की अगली पीढ़ी ब्रह्मोस-एनजी की तकनीकी विशेषताएं और भी उत्तम होंगी।
“अपनी उच्च गति, गतिशीलता और अन्य उन्नत विशेषताओं के साथ यह नया हथियार आज और कल के युद्धक्षेत्रों में सटीक मारक क्षमता को फिर से परिभाषित करेगा। हम इस नई मिसाइल का एक प्रोटोटाइप का प्रदर्शन करने और शीघ्र ही इसका परीक्षण करने की योजना बना रहे हैं। राणे के अनुसार, आने वाले दशकों और उसके बाद ब्रह्मोस-एनजी की कोई
प्रतिस्पर्धी मिसाइल नहीं होगी।
राणे ने कहा कि
ब्रह्मोस-एनजी का परीक्षण आने वाले वर्षों में भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के
सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों से किया जाएगा। वर्तमान में सुखोई-30 विमान हथियार का वर्तमान संस्करण ब्रह्मोस-ए मिसाइल से लैस हैं।
राणे ने साक्षात्कार के दौरान यह भी खुलासा किया कि हाइपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल कंपनी के "रडार" पर थी।
उन्होंने कहा कि डीआरडीओ और एनपीओएम भविष्य में हाइपरसोनिक मिसाइलों का संयुक्त विकास कर सकते हैं।