मीडिया के अनुसार, दुनिया के दूसरे सबसे बड़े कच्चे इस्पात उत्पादक भारत में स्टील मिलें ऑस्ट्रेलिया से कोकिंग कोयले की कम आपूर्ति और ऊंची कीमतों के कारण रूस से इस उत्पाद का आयात बढ़ाना चाहती हैं।
"भारत रूस से कोकिंग कोयले का आयात बढ़ाएगा, जो स्टील उत्पादन के लिए एक प्रमुख सामग्री है, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया से आपूर्ति घट रही है और स्टील मिलें बढ़ती कीमतों से जूझ रही हैं," सरकार और उद्योग के सूत्रों के हवाले से मीडिया ने लिखा।
दरअसल पिछले महीने, रखरखाव में व्यवधान, क्वींसलैंड से सामान्य से कम आपूर्ति और धीमी रेल नेटवर्क सहित कारकों के कारण ऑस्ट्रेलियाई कोकिंग कोयले की कीमतें 50% बढ़कर 350 डॉलर प्रति मीट्रिक टन से अधिक हो गईं।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, नवंबर की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को स्थिर कोयला आपूर्ति का आश्वासन दिया था, हालांकि, भारत ऑस्ट्रेलिया से परे देखने और अपनी आयात टोकरी में विविधता लाने की कोशिश कर रहा है।
सूत्रों के अनुसार, रूसी कोकिंग कोयला कार्गो ऑस्ट्रेलिया से आपूर्ति की तुलना में सस्ता है। "उपयुक्त कीमतों और रुपये के भुगतान ने (भारतीय) कंपनियों को रूस को वैकल्पिक स्रोत के रूप में देखने में मदद की है," सरकारी सूत्र के हवाले से मीडिया ने कहा।
सूत्रों ने कहा कि भारत सरकार समर्थित इस्पात निर्माता स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया और राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड को रूसी कोकिंग कोयले के लिए रुपये में भुगतान करने की संभावना पसंद हुई है।
बता दें कि इस महीने की शुरुआत में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAIL) के अध्यक्ष अमरेंदु प्रकाश ने कहा कि कम्पनी को दिसंबर में समाप्त होने वाली तिमाही में 75,000 टन की रूसी कोकिंग कोयले की चार डिलीवरी की उम्मीद है।