भारत के कर्नाटक राज्य में मैसूर के प्रसिद्ध एक प्रतिष्ठित मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई भगवान राम की मूर्ति को अयोध्या में बनाए जा रहे राम मंदिर में स्थापना के लिए चुना गया है।
इस खबर को साझा करते हुए केन्द्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि राम मंदिर के लिए मूर्ति का चयन कर लिया गया है।
"अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मूर्ति का चयन फाइनल हो गया है। हमारे देश के सुप्रसिद्ध मूर्तिकार, हमारे गौरव श्री योगीराज अरुण। उनके द्वारा बनाई गई भगवान राम की मूर्ति अयोध्या में स्थापित की जाएगी। यह राम हनुमान के अटूट रिश्ते का एक और उदाहरण है। इसमें कोई गलती नहीं है कि हनुमान की भूमि कर्नाटक से रामललानी के लिए यह एक महत्वपूर्ण सेवा है," प्रह्लाद जोशी ने लिखा।
कौन हैं अरुण योगीराज?
अरुण योगीराज भारत के सबसे प्रतिष्ठित मूर्तिकारों में से एक हैं, उन्होंने कम उम्र में ही मूर्तिकला पर काम करना आरंभ कर दिया था।
बताया जाता है कि पांच पीड़ी से उनका परिवार मूर्तियाँ बना रहा है। और वह अपने पिता योगीराज और दादा बसवन्ना शिल्पी से बहुत प्रभावित थे।
शुरुआत में उन्होंने एमबीए की शिक्षा प्राप्त करने के बाद थोड़े समय के लिए कॉर्पोरेट क्षेत्र में भी काम किया।
उनका मन मूर्तिकला में होने के कारण वह 2008 में कला के क्षेत्र में शामिल हो गए, जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नही देखा। वह देश बाहर में कई प्रतिष्ठित मूर्तियां बना चुके हैं।
इससे पहले वह सुभाष चंद्र बोस की 30 फीट की मूर्ति भी बना चुके हैं जिसे देश की राजधानी दिल्ली में इंडिया गेट के पास अमर जवान ज्योति के पीछे स्थापित किया गया है।
इसके अलावा उन्होंने मूर्तिकला की दुनिया में केदारनाथ स्थित आदि शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची मूर्ति से लेकर मैसूर में 21 फीट ऊंची हनुमान प्रतिमा भी बनाई है।