प्रधानमंत्री मोदी ने एक जीवंत "दिल्ली-दिली" संपर्क बनाने की भारत की प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की। सितंबर 2023 में, उन्होंने तिमोर-लेस्ते में भारतीय मिशन खोलने की घोषणा की थी।
मोदी ने क्षमता निर्माण, मानव संसाधन विकास, आईटी, फिनटेक, ऊर्जा और पारंपरिक चिकित्सा और फार्मा सहित स्वास्थ्य सेवा में तिमोर-लेस्ते को सहायता की पेशकश की।
इसके अलावा उन्होंने तिमोर-लेस्ते को अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) और आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के गठबंधन (CDRI) में शामिल होने के लिए भी आमंत्रित किया।
मोदी ने तिमोर-लेस्ते को ग्यारहवें सदस्य के रूप में स्वीकार करने के आसियान के सैद्धांतिक निर्णय के लिए राष्ट्रपति होर्टा को बधाई दी और जल्द ही पूर्ण सदस्यता प्राप्त करने की आशा व्यक्त की।
राष्ट्रपति होर्टा ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए मजबूत समर्थन व्यक्त किया। दोनों राजनेताओं ने बहुपक्षीय क्षेत्र में अपना उत्कृष्ट सहयोग जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई।
इस बीच विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में क्षेत्रीय मुद्दों और विकास पर भी चर्चा की।
गौरतलब है कि भारत साल 2002 में तिमोर-लेस्ते के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाले पहले देशों में से एक था। बता दें कि तिमोर-लेस्ते के राष्ट्रपति डॉ. जोस रामोस होर्टा गांधीनगर में 10वें वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 8 से 10 जनवरी तक भारत की यात्रा पर हैं।
मोज़ाम्बिक के राष्ट्रपति फ़िलिप न्यूसी के साथ द्विपक्षीय बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गांधीनगर में वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन के मौके पर मोज़ाम्बिक के राष्ट्रपति फ़िलिप न्यूसी के साथ द्विपक्षीय बैठक की।
इस दौरान दोनों नेताओं ने रक्षा, आतंकवाद-रोधी, ऊर्जा, स्वास्थ्य, व्यापार और निवेश, क्षमता निर्माण, समुद्री सहयोग और लोगों से लोगों के संबंधों सहित द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के तरीकों पर सार्थक चर्चा की।