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बढ़ती समुद्री चिंताओं के चलते भारत ब्रह्मोस से लैस युद्धपोत 'इम्फाल' को करेगा नियुक्त
बढ़ती समुद्री चिंताओं के चलते भारत ब्रह्मोस से लैस युद्धपोत 'इम्फाल' को करेगा नियुक्त
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भारत के स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक इम्फाल को ऐसे समय में नियुक्त किया जा रहा है जब यांत्रिक जहाजों पर ड्रोन आक्रमणों के मध्य लाल और अरब सागर में समुद्री सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं।
2023-12-24T18:34+0530
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रविवार को एक आधिकारिक बयान के अनुसार, भारत के नए स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक 'इम्फाल' को मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक समारोह में भारतीय नौसेना के पश्चिमी नौसेना कमान में सम्मिलित किया जाएगा। पश्चिमी नौसेना कमान भारतीय नौसेना की तीन कमानों में से एक है जो अरब सागर और हिंद महासागर के पश्चिमी भाग में सुरक्षा और संचालन पर केंद्रित है।इंफाल युद्धपोत भारत के प्रोजेक्ट 15बी 'विशाखापत्तनम' श्रेणी के स्वदेशी विध्वंसक जहाजों के अंतर्गत चार जहाजों में से तीसरा है।इम्फाल, भारत के उत्तर-पूर्व में एक शहर के नाम पर रखा जाने वाला पहला भारतीय युद्धपोत है, जिसे भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया है और राज्य समर्थित मझगांव डॉक लिमिटेड (MDL) द्वारा निर्मित किया गया है, भारतीय रक्षा मंत्रालय ने कहा।भारतीय रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इम्फाल के निर्माण और उसके परीक्षणों को पूरा करने में लगा समय "किसी भी स्वदेशी विध्वंसक के लिए सबसे कम" था। इसमें कहा गया है कि जहाज की आधारशिला मई 2019 में रखी गई थी और इसे अप्रैल 2019 में पानी में उतारा गया था।पहला समुद्री परीक्षण इस वर्ष मई में आरंभ हुआ और छह महीने से भी कम समय में पूर्ण हुआ, इसके उपरांत अक्टूबर में नौसेना को इसकी डिलीवरी दी गई।इम्फाल की क्षमताएँभारत ने अपने नए युद्धपोत को सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस "दुर्जेय गतिशील किला" बताया है।जहाज के तोपें हथियार प्रणालियों को "लक्ष्य डेटा" प्रदान करने के लिए इसमें आधुनिक निगरानी रडार भी लगाया गया है।इसमें कहा गया है कि इम्फाल को परमाणु, जैविक और रासायनिक (NBC) युद्ध स्थितियों में सुचारु रूप लड़ने के लिए भी तैयार किया गया है।
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भारतीय नौसेना, आईएनएस इम्फाल, इम्फाल युद्धपोत, इम्फाल स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक, अरब सागर में ड्रोन हमले, हौथी ड्रोन हमले, भारतीय जहाजों पर हमला, लाल सागर में हौथी हमले
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बढ़ती समुद्री चिंताओं के चलते भारत ब्रह्मोस से लैस युद्धपोत 'इम्फाल' को करेगा नियुक्त
भारत के स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक इम्फाल को ऐसे समय में नियुक्त किया जा रहा है जब यांत्रिक जहाजों पर ड्रोन आक्रमणों के मध्य लाल और अरब सागर में समुद्री सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं।
रविवार को एक आधिकारिक बयान के अनुसार, भारत के नए स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक 'इम्फाल' को मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक समारोह में भारतीय नौसेना के पश्चिमी नौसेना कमान में सम्मिलित किया जाएगा।
पश्चिमी नौसेना कमान
भारतीय नौसेना की तीन कमानों में से एक है जो अरब सागर और हिंद महासागर के पश्चिमी भाग में सुरक्षा और संचालन पर केंद्रित है।
इंफाल युद्धपोत भारत के प्रोजेक्ट 15बी 'विशाखापत्तनम' श्रेणी के स्वदेशी विध्वंसक जहाजों के अंतर्गत चार जहाजों में से तीसरा है।
इम्फाल, भारत के उत्तर-पूर्व में एक शहर के नाम पर रखा जाने वाला पहला भारतीय युद्धपोत है, जिसे भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया है और राज्य समर्थित मझगांव डॉक लिमिटेड (MDL) द्वारा निर्मित किया गया है, भारतीय रक्षा मंत्रालय ने कहा।
रक्षा मंत्रालय ने कहा, "163 मीटर लंबाई, 7,400 टन वजनी और 75 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री के साथ, इम्फाल को भारत में निर्मित सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक माना जा सकता है।"ये प्रति घंटे 30 समुद्री मील की गति सेव चलत है।जहाज के शिखर का अनावरण रक्षा मंत्री सिंह ने 28 नवंबर को किया था।
भारतीय रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इम्फाल के निर्माण और उसके परीक्षणों को पूरा करने में लगा समय "किसी भी स्वदेशी विध्वंसक के लिए सबसे कम" था। इसमें कहा गया है कि जहाज की आधारशिला मई 2019 में रखी गई थी और इसे अप्रैल 2019 में पानी में उतारा गया था।
पहला समुद्री परीक्षण इस वर्ष मई में आरंभ हुआ और छह महीने से भी कम समय में पूर्ण हुआ, इसके उपरांत अक्टूबर में नौसेना को इसकी डिलीवरी दी गई।
भारत ने अपने नए युद्धपोत को सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस "दुर्जेय गतिशील किला" बताया है।
मंत्रालय ने कहा कि अत्याधुनिक युद्धपोत ने इस वर्ष नवंबर में विस्तारित रेंज वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, जो नौसेना में सम्मिलित होने से पूर्व किसी भी भारतीय युद्धपोत के लिए सर्वप्रथम था।
जहाज के तोपें
हथियार प्रणालियों को "लक्ष्य डेटा" प्रदान करने के लिए इसमें आधुनिक निगरानी रडार भी लगाया गया है।
मंत्रालय ने कहा, "जहाज की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताएं स्वदेशी रूप से विकसित रॉकेट लॉन्चर, टारपीडो लॉन्चर और पनडुब्बी रोधी युद्ध (ASW) हेलीकॉप्टरों द्वारा प्रदान की जाती हैं।"
इसमें कहा गया है कि इम्फाल को परमाणु, जैविक और रासायनिक (NBC) युद्ध स्थितियों में सुचारु रूप लड़ने के लिए भी तैयार किया गया है।