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जानें 15 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है भारतीय थलसेना दिवस?

हर साल 15 जनवरी को भारत गौरवपूर्ण ढंग से भारतीय थलसेना दिवस मनाता है। इस साल भारत अपना 76वां थलसेना दिवस मना रहा रहा है। यह दिन सैनिकों के सम्मान और देश के लिए उनके बलिदान को समर्पित है।
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थलसेना दिवस उस क्षण का भी जश्न मनाता है जब फील्ड मार्शल कोडंडेरा एम करियप्पा ने 1949 में अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ जनरल बुचर से भारतीय सेना की कमान संभाली और स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ बने।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने थलसेना दिवस पर सोमवार को सेना के जवानों की अटूट प्रतिबद्धता और बलिदान की सराहना की और कहा कि वे ताकत और लचीलेपन के स्तंभ हैं।

"सेना दिवस पर हम अपने सैन्य कर्मियों के असाधारण साहस, अटूट प्रतिबद्धता और बलिदान का सम्मान करते हैं। हमारे राष्ट्र की रक्षा और हमारी संप्रभुता को बनाए रखने में उनका अथक समर्पण उनकी बहादुरी का प्रमाण है। वे शक्ति और लचीलेपन के स्तंभ हैं," मोदी ने एक्स पर लिखा।

15 जनवरी को थलसेना दिवस क्यों मनाया जाता है?

15 जनवरी 1949 को भारत को पहला सेना प्रमुख जनरल केएम करियप्पा मिला। वे फील्ड मार्शल की पांच सितारा रैंक पाने वाले केवल दो भारतीय सेना अधिकारियों में से एक थे। दूसरे हैं फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ

थलसेना दिवस समारोह

तीनों सेनाओं के प्रमुख उन सभी कर्मियों के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं जिन्होंने कर्तव्य के दौरान अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। वे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि समारोह के दौरान सैनिकों को श्रद्धांजलि भी देते हैं।

भारतीय सेना सोमवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भव्य परेड के साथ 76वां थलसेना दिवस मना रही है। सेना दिवस परेड को लगातार दूसरे साल दिल्ली से बाहर स्थानांतरित किया गया है।

साल 1949 से 2022 तक थलसेना दिवस परेड का आयोजन दिल्ली छावनी के करियप्पा परेड ग्राउंड में किया जाता था।
इस साल परेड सेना की 'सेंट्रल कमांड' की कमान के तहत आयोजित की जाएगी, जिसका मुख्यालय लखनऊ में है। सेंट्रल कमांड भारतीय सेना की सात ऑपरेशनल कमांनों में से एक है। पिछले साल बेंगलुरु में परेड की जिम्मेदारी दक्षिणी कमान के पास थी।
मेजर जनरल सलिल सेठ की कमान के तहत लखनऊ में 11 गोरखा राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर के परेड ग्राउंड में भव्य प्रदर्शन होगा। सेना की विभिन्न रेजिमेंटों से छह मार्चिंग टुकड़ियां, एक सैन्य बैंड जिसमें पांच रेजिमेंटल ब्रास बैंड और तीन पाइप बैंड शामिल होंगे।

AI का उपयोग

इस वर्ष की थलसेना दिवस परेड विशेष होगी क्योंकि 'सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग दल' का चयन करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग किया जाएगा।

"सर्वोत्तम मार्चिंग दल की पहचान के लिए पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जा रहा है," मेजर जनरल सलिल सेठ ने कहा।

सेना दिवस का महत्व

थलसेना दिवस उन सैनिकों का सम्मान करता है जिन्होंने अपना जीवन राष्ट्र को समर्पित कर दिया है।
डिफेंस
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