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14 तेज तटरक्षक गश्ती जहाजों के लिए MDL के साथ ₹1070 करोड़ का करार: रक्षा मंत्रालय

रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किए गए बयान के मुताबिक इन बहुउद्देशीय FPV को MDL द्वारा भारतीय-IDDM श्रेणी के तहत स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया जाएगा और कुल 63 महीनों में तटरक्षक बल के हवाले कर दिया जाएगा।
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भारतीय तटरक्षक बल (ICG) को नए समय की चुनौतियों का सामना करने हेतु सक्षम बनाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को 14 तेज गश्ती जहाजों (FPV) के लिए मुंबई स्थित मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) के साथ 1,070 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।

"कई उच्च तकनीक उन्नत सुविधाओं और उपकरणों के साथ, FPV बहुउद्देशीय ड्रोन, वायरलेस रूप से नियंत्रित रिमोट जल बचाव कौशलऔर AI क्षमता से लैस होंगे, जो नए युग की बहुआयामी चुनौतियों का सामना करने के लिए तटरक्षकों को अधिक लचीलापन और परिचालन बढ़त प्रदान करेंगे," रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा।

बयान में आगे कहा गया कि ये आधुनिक FPV मत्स्य पालन सुरक्षा और निगरानी, नियंत्रण, रखवाली, तस्करी विरोधी अभियान, उथले पानी में खोज और बचाव अभियान, संकट में जहाजों को सहायता, टोइंग क्षमताओं, समुद्री प्रदूषण के दौरान सहायता और प्रतिक्रिया संचालन तथा समुद्री डकैती विरोधी निगरानी को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

"इन FPV के अधिग्रहण का उद्देश्य ICG की क्षमता को बढ़ाना और समुद्री सुरक्षा की ओर सरकार के बढ़ते फोकस को मजबूत करना है"।

अंत में बयान में बताया कि 'आत्मनिर्भर भारत' के अनुरूप, यह अनुबंध देश की स्वदेशी जहाज निर्माण क्षमता को बढ़ावा देने के साथ साथ समुद्री आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा और सहायक उद्योगों, विशेष रूप से MSMI क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देगा।
इसके साथ साथ यह परियोजना प्रभावी ढंग से रोजगार के अवसर पैदा करेगी और विशेषज्ञता विकसित होगी। रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के महत्वाकांक्षी एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए रक्षा मंत्रालय ने अप्रैल 2023 में 98 हथियारों और प्रणालियों पर आयात प्रतिबंध लगा दिया था।
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