SVR प्रमुख ने कहा, "मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि इस तरह के उकसावों का प्रभाव और उनका समय बहुत कम समय के लिए होता है, खासकर जब से हमारी आधुनिक दुनिया में झूठ सहित कोई भी गुप्त जानकारी बहुत जल्दी स्पष्ट हो जाती है।"
आगे उन्होंने बताया कि पश्चिमी देशों में किए गए बंद समाजशास्त्रीय सर्वेक्षणों के अनुसार, यह स्पष्ट है कि इन देशों के नागरिक यूक्रेनी संकट से थक चुके हैं । इसमें कुछ लोग ही रूस को हराने की संभावना पर विश्वास करते हैं।
सर्गेइ नारीश्किन ने कहा, "कुछ लोग ज़ेलेंस्की के गिरोह को भारी वित्तीय सहायता प्रदान करना उपयुक्त समझते हैं। और कुछ लोगों को समझ नहीं आ रहा कि पश्चिमी देशों की आबादी को इसका खामियाजा क्यों भुगतना पड़े।"
अंत में उन्होंने Sputnik को बताया कि संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय देशों द्वारा अपनी आबादी को रूस से आक्रामकता की संभावना का खतरा दिखा कर गुमराह किया जाता है।