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श्वेत पत्र बनाम काला पत्र: संसद में चल रहे बजट सत्र में भाजपा और कांग्रेस के बीच खींचतान जारी

संसद के चालू बजट सत्र में मुख्य विपक्षी दल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार के पिछले 10 वर्षों में प्रदर्शन पर 'श्वेत पत्र' का मुकाबला करने के लिए 'काला पत्र' लेकर आई।
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कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के 10 साल के शासन पर '10 साल अन्याय काल' नामक 'काला पत्र' जारी किया और केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि 'काला पत्र' बेरोजगारी, महंगाई, किसानों की परेशानी पर सरकार की 'विफलताओं" को उजागर करता है।

इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि "हमारी संस्कृति में हम बुरी नजर से बचाने के लिए अपने माथे पर काला टीका लगाते हैं और इसी तरह, वे (खड़गे) हमारी सरकार के लिए 'काला पत्र' लेकर आए।"

इसके अलावा उन्होंने विरोध के निशान के रूप में सदन में विपक्षी सांसदों द्वारा पहने गए काले वस्त्रों का भी उल्लेख किया और कहा, "हमने राज्यसभा में एक फैशन परेड भी देखी जब कुछ सदस्य काले कपड़े पहनकर आए थे।"
वहीं मोदी ने राज्य सभा से सेवानिवृत्त होने वाले सदस्यों को विदाई देते हुए सदन में अपने पूर्ववर्ती प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के "अत्यधिक योगदान" की सराहना की।
बता दें कि कांग्रेस का काला पत्र भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के श्वेत पत्र से पहले आया है। 1 फरवरी को अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि सरकार दोनों सदनों में "यह देखने के लिए कि हम 2014 तक कहाँ थे और अब कहाँ हैं" एक 'श्वेत पत्र' पेश करेगी ।
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