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भारत में बनी CAR-T सेल थेरेपी का उपयोग करके पहला मरीज कैंसर-मुक्त: रिपोर्ट

भारत के दवा नियामक सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने कुछ महीने पहले CAR-T सेल थेरेपी के व्यावसायिक उपयोग को स्वीकृति दी थी।
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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली स्थित गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. (कर्नल) वीके गुप्ता वह पहले व्यक्ति बने जिन्होंने इस थेरेपी का प्रयोग कर कैंसर को मात दी।
उन्होंने मात्र 42 लाख रुपये भुगतान करके यह थेरेपी प्राप्त की, जबकि विदेशों में इसी प्रकार की थेरेपी का मूल्य 4 करोड़ 480,000 रुपये तक है। टाटा मेमोरियल अस्पताल में गुप्ता की सर्जरी हुई, और सर्जरी के बाद डॉक्टरों ने कहा कि "वर्तमान में वह कैंसर कोशिकाओं से मुक्त हैं।

टाटा मेमोरियल सेंटर के एडवांस्ड सेंटर फॉर ट्रीटमेंट, रिसर्च एंड एजुकेशन इन कैंसर (ACTREC) में हेमाटो-ऑन्कोलॉजिस्ट और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. हसमुख जैन ने इंडियन एक्स्प्रेस को बताया कि आजीवन उपचार का दावा करना शीघ्रता होगी, मरीज वर्तमान में कैंसर कोशिकाओं से मुक्त है।

यह थेरेपी, NexCAR19, ImmunoACT द्वारा विकसित की गई है, जो भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे (IITB) और टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल में स्थापित कंपनी है। यह बी-सेल कैंसर (प्रतिरक्षा प्रणाली की कोशिकाओं में बनने वाले कैंसर के प्रकार) जैसे ल्यूकेमिया और लिम्फोमा के उपचार पर केंद्रित है।
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