विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

अंतरिक्ष क्षेत्र के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लगभग 189 स्टार्टअप पंजीकृत: अंतरिक्ष राज्य मंत्री

© AP Photo / Aijaz RahiA delegate speaks on his phone next to a scale model of spacecraft displayed at a stall on the first day of the Bengaluru Space Expo 2016, in Bangalore, India, Thursday, Sept. 1, 2016.
A delegate speaks on his phone next to a scale model of spacecraft displayed at a stall on the first day of the Bengaluru Space Expo 2016, in Bangalore, India, Thursday, Sept. 1, 2016. - Sputnik भारत, 1920, 08.02.2024
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मंत्री ने बताया कि इसरो की डीप स्पेस प्रोब की कोई योजना नहीं है। हालाँकि, उन्नत अंतरिक्ष अन्वेषण मिशनों की अवधारणा के अध्ययन करने, मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम को जारी रखने तथा चंद्रमा और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए आगे के अनुवर्ती मिशनों पर काम चल रहा है।
केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अभी तक लगभग 189 स्टार्टअप पंजीकृत हुए है।

अपने जवाब में उन्होंने सरकार द्वारा देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए उठाए गए कई कदमों के बारे में भी बताया।

मंत्री ने अपने जवाब में कहा, "निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने और उसका समर्थन करने के लिए IN-SPACe द्वारा विभिन्न योजनाएं भी घोषित और कार्यान्वित की गई हैं। IN-SPACe ने गैर-सरकारी संस्थाओं (NGEs) के साथ लगभग 51 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। जिसके फलस्वरूप NGEs द्वारा परिकल्पित अंतरिक्ष प्रणालियों और अनुप्रयोगों के लिए आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे लॉन्च वाहनों और उपग्रहों के निर्माण में उद्योग की भागीदारी बढ़ने की उम्मीद है।"

लिखित उत्तर में आगे कहा गया कि भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम ने घरेलू उद्योगों के पर्याप्त योगदान के साथ, पिछले 5 वर्षों में कई नई ऊँचाइयों को छुआ है, जिससे अंतरिक्ष गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में स्वदेशी क्षमताओं का प्रदर्शन किया गया है।
इन उपलब्धियों में एलवीएम3 और पीएसएलवी के वाणिज्यिक प्रक्षेपण, एसएसएलवी का विकास, पृथ्वी अवलोकन उपग्रह, नेविगेशन उपग्रह, चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग और घूमना, सूर्य का अध्ययन करने का मिशन (आदित्य-एल1) और मानव अंतरिक्ष उड़ान के प्रदर्शन की दिशा में प्रमुख प्रगति शामिल हैं।
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