पाकिस्तान में किसी भी पार्टी को बहुमत न मिल पाने के बाद देश में जोड़ तोड़ की राजनीति शुरू हो चुकी है, और इसी के चलते मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के अगले प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ हो सकते हैं क्योंकि उनकी पार्टी ने अन्य दलों से गठबंधन कर बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है।
मंगलवार देर रात शहबाज़ शरीफ ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के आसिफ अली जरदारी, मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) के खालिद मकबूल सिद्दीकी के साथ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद (पीएमएल-क्यू) के शुजात हुसैन के आवास पर मुलाकात की, जिसके बाद सभी दलों में सहमति बन गई है और नई सरकार के गठन का रास्ता साफ हो गया है।
मंगलवार देर रात शहबाज़ शरीफ ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के आसिफ अली जरदारी, मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) के खालिद मकबूल सिद्दीकी के साथ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद (पीएमएल-क्यू) के शुजात हुसैन के आवास पर मुलाकात की, जिसके बाद सभी दलों में सहमति बन गई है और नई सरकार के गठन का रास्ता साफ हो गया है।
शहबाज शरीफ ने मीटिंग के बाद कहा, "आज हम देश को यह बताने के लिए एकजुट हुए हैं कि हम सभी खंडित जनादेश को स्वीकार करते हैं। मैं जरदारी और बिलावल (भुट्टो) का आभारी हूं कि उन्होंने अपनी पार्टी के लिए पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) को वोट देने का फैसला किया और अन्य एकत्रित नेताओं को भी धन्यवाद।"
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की अविश्वास प्रस्ताव में हार के कारण अप्रैल 2022 में सरकार गिर गई थी, जिसके बाद शहबाज़ शरीफ को देश का प्रधानमंत्री बनाया गया था।
पाकिस्तान चुनाव आयोग के अनुसार पीएमएल-एन, पीपीपी, एमक्यूएम-पी, पीएमएल-क्यू, आईपीपी (इस्तेहकाम-ए-पाकिस्तान पार्टी) और बलूचिस्तान अवामी पार्टी ने शहबाज़ के नेतृत्व में गठबंधन बनाने की अपनी योजना की घोषणा की और इसके बाद उनकी सीटों की संख्या अब 152 पर आ गई है जो बहुमत के आँकड़े 169 से महज 17 सीटें कम है।
हालांकि, यह अनिश्चित है कि क्या ये पार्टियाँ 224 का अगला लक्ष्य हासिल कर पाएंगी, जो 336 सदस्यों वाली नेशनल असेंबली में दो-तिहाई बहुमत प्राप्त करने के लिए आवश्यक है।