वरिष्ठ पत्रकार ने कहा, "अब जबकि चुनाव की घोषणा में कुछ दिन बाकी हैं, तो ऐसे में गठबंधन किसी मुद्दे या किसी न्यूनतम साझा कार्यक्रम, सीट शेयरिंग, नेतृत्व को लेकर किसी भी चीज को तय नहीं कर पाया है। वह यह माहौल बनाने में पूरी तरह असफल रहा है कि वह मौजूदा मोदी सरकार के विरोध में एक राजनीतिक लड़ाई लड़ना चाहता है। राहुल गांधी न्याय यात्रा में लगे हुए हैं, जिसका उद्देश्य क्या है वह कांग्रेस के नेता और कार्यकर्त्ता दोनों को नहीं मालूम।"
वरिष्ठ पत्रकार अर्जुन देशप्रेमी ने बताया, "सबसे पहली बात यह है कि गठबंधन पूरी तरह से कभी बन ही नहीं पाया, सिर्फ एक मजाक बनकर रह गया है इसी वजह से क्षेत्रीय दल (JDU, TMC, AAP) पहले ही अलग होने लगे। कांग्रेस के बड़े नेता गुलाम नबी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, मिलिंद देवड़ा आदि ने पहले ही पार्टी छोड़ दी थी, और अब अशोक चौहान ने भी पार्टी छोड़ दी।"
जयराम रमेश ने कहा, "सीट बंटवारे (लोकसभा चुनाव के लिए) पर AAP, DMK, NCP, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और ममता बनर्जी जी के साथ चर्चा चल रही है। नीतीश और आरएलडी के अलग होने से गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हम मजबूत हैं और जल्द ही विभिन्न राज्यों में सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।"