अजय लेले ने कहा, "छोटे उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजने के लिए इस तरह के स्पेसपोर्ट की जरूरत होती है। श्रीहरीकोटा से हम बड़े उपग्रह लॉन्च करते हैं। भारत इसे व्यावसायिक तौर पर देख रहा है क्योंकि भारत के पास छोटे उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजने के लिए अनुरोध आते हैं तो इस तरह के छोटे उपग्रहों को छोड़ने के लिए श्रीहरिकोटा पर व्यवस्तता कम करने के कारण एक ओर व्यवसायिक पोर्ट बनाने जा रहे हैं।"
अंतरिक्ष मामलों के जानकार अजय लेले ने कहा, "अंतरिक्ष आधारित इंटरनेट की सोच आने के बाद दुनिया भर में छोटे उपग्रह की मांग पिचले 2-3 सालों में काफी बढ़ी है, क्योंकि दुनिया भर में यह देखा जा रहा है कि कम्यूनिकेशन के क्षेत्र में अंतरिक्ष आधारित इंटरनेट के जरिए बहुत फायदे उठाए जा सकते हैं। भारत इस अवसर का खुल कर फायदा उठा रहा है।"
लेले ने बताया, "हमारा ध्यान इससे आने वाले व्यापार पर होना चाहिए। और इसके चालू होने के बाद भारत का अंतरिक्ष व्यापार और आगे बढ़ने की संभावना है। इस स्पेसपोर्ट के खुलने के बाद दुनिया भर में इसरो की व्यावसायिक मांग बढ़ जाएगी।"