भारतीय नौसेना ने स्वदेशीकरण के माध्यम से बड़ी ऊँचाई हासिल की है और अपने दम पर 33 पनडुब्बियों और 63 जहाजों का निर्माण कर सकती है, तिरुवनंतपुरम में मीडिया से बात करते एडमिरल हरि कुमार ने कहा।
''हमारा लक्ष्य 2047 तक पूरी तरह आत्मनिर्भर बनने का है और तब तक सभी पनडुब्बियां, विमान और हथियार भारत में ही बनेंगे,'' नौसेना प्रमुख ने कहा।
इसके अलावा उन्होंने रेखांकित किया कि "उद्योग को 75 चुनौतियाँ दी गईं और उनसे शानदार प्रतिक्रिया मिली। उनमें से कुछ पहले ही अनुबंध का हिस्सा हैं और कुछ उत्पाद पहले ही सम्मिलित किए जा चुके हैं। बहुत सारी नवीन तकनीक और उत्पाद विकसित किए जा रहे हैं।"
दरअसल, भारत की स्वदेशी सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल ब्रह्मोस को तेजी से नौसेना के युद्धपोतों में शामिल किया जा रहा है।
"हमारी योजना इसे अपने सभी युद्धपोतों में स्थापित करने की है और यह प्रक्रिया तीव्र गति से आगे बढ़ रही है। भारत के तीसरे स्वदेशी विमानवाहक पोत के संबंध में नई तकनीक के साथ कई बदलावों की योजना बनाई गई है। विमानवाहक पोत के पास सभी प्रकार के आधुनिक विमानों को संभालने की सुविधा होनी चाहिए," हरि कुमार ने कहा।