भारत की अंतरिक्ष एजेंसी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्रयान-3 की सफलता के बाद चंद्रयान-4 की तैयारी आरंभ कर दी है जिसे 2028 में छोड़े जाने की संभावना है, भारतीय मीडिया ने इसरो के अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (SAC) के डॉ. नीलेश देसाई के हवाले से कहा।
योजना के अनुसार, चंद्रयान-4 मिशन के अंतर्गत यान को दक्षिणी ध्रुव पर उतारकर चंद्रमा से नमूने इकट्ठा कर भारत वापस लाए जाएंगे, और ऐसा करने वाला भारत विश्व में चौथा राष्ट्र होगा।
योजना के अनुसार, चंद्रयान-4 मिशन के अंतर्गत यान को दक्षिणी ध्रुव पर उतारकर चंद्रमा से नमूने इकट्ठा कर भारत वापस लाए जाएंगे, और ऐसा करने वाला भारत विश्व में चौथा राष्ट्र होगा।
इसरो के अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (SAC) के डॉ. नीलेश देसाई ने भारतीय मीडिया को बताया कि अगला मिशन चंद्रयान-4 2028 में लॉन्च होगा, और इसे LUPEX मिशन भी कहा जाता है।
मिशन में संभवतः भारत के हेवी-लिफ्ट जीएसएलवी एमके III या एलवीएम3 लॉन्च वाहनों का उपयोग किया जाएगा। हालाँकि चंद्रयान-3 की तरह लेंडिंग ही काफी नहीं होगी इसकी सफलता तब मानी जाएगी जब मिशन के अंतर्गत नमूनों को सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाया जाएगा, जो अपने आप में एक बड़ी चुनौती होगी।
इसरो ने पहले ही विक्रम के साथ एक हॉप प्रयोग का प्रदर्शन किया है, जिसमें दिखाया गया है कि एक अंतरिक्ष यान चंद्रमा की सतह से उठ सकता है, जिससे पता चलता है कि वापसी प्रक्षेपवक्र प्राप्त किया जा सकता है।