"पश्चिमी देशों खासकर अमेरिका की दूसरे देशों पर हमेशा झूठे आरोप लगाना फितरत है। अमेरिका ने ही कहा था कि इराक परमाणु हथियार बना रहा है, फिर कहा कि जैविक हथियार बना रहा है। और हमला कर इराक को बर्बाद कर दिया, लेकिन वहां कुछ नहीं निकला। यह अमेरिका का एक तरीका है जब भी कोई देश अमेरिका की विदेश नीति का बहिष्कार करता है या उनकी नीतियों से सहमति नहीं जताता है, तो उन देशों को नुकसान पहुंचाने के लिए इस तरह के निराधार आरोप लगाते रहते हैं," रक्षा विशेषज्ञ कमर आग़ा ने Sputnik India को बताया।
"अमेरिका को लगता है कि रूस एक ऐसा देश है जो भविष्य में उनको चुनौती दे सकता है। रूस के पास परिष्कृत तकनीक है, रक्षा क्षेत्र की भी हैं जिनको सहजता से सिविलियन सेक्टर में ट्रांसफर किया जा सकता है। रूस के उत्पाद पश्चिमी देशों के मुकाबले में बहुत मजबूत, किफायती और जीवन अवधि ज्यादा दिनों की होती है," आग़ा ने टिप्पणी की।
"अब जब पश्चिमी देश युद्ध जीत नहीं पा रहे हैं तो परमाणु युद्ध की बात करने लगे हैं। और ये कह रहे हैं कि रूस अंतरिक्ष में परमाणु हथियार रख रहा है। वस्तुतः पश्चिमी देश परमाणु आक्रमण करने का एक आधार बना रहे हैं। हालांकि उनकी रूस पर आक्रमण करने की हिम्मत नहीं है, समर्थक देशों पर कर सकते हैं, क्या करेंगे यह कहना अभी जल्दी है। अमेरिका दुनिया का अकेला ऐसा देश है जिसने परमाणु हथियार बनाए और इस्तेमाल भी किए। और कभी भी अमेरिका को परमाणु हथियार का इस्तेमाल करने में संकोच नहीं होगा," आग़ा ने बताया।
"जब भी कोई बड़ी शक्ति कमजोर होती है तो वह युद्ध करती है। अमेरिका की विदेश नीति इस समय सैन्यीकरण है और वे कूटनीति से काम नहीं लेते बल्कि सत्ता परिवर्तन और प्रतिबंध का उपयोग करते हैं और रूस के ऊपर भी यही करने की कोशिश की, लेकिन उनको सफलता नहीं मिली तो अब वे इससे एक कदम आगे बढ़ सकते हैं," आग़ा ने टिप्पणी की।