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जब भी कोई बड़ी शक्ति कमजोर बनती है तो युद्ध शुरू करती है: अमेरिका के प्रभाव में कटौती पर विशेषज्ञ

पश्चिमी देश वैश्विक परमाणु संघर्ष की स्थितियां उत्पन्न कर रहे हैं जो सभ्यता को नष्ट कर देगा, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को अपने वार्षिक संबोधन में कहा।
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रूस पारंपरिक मूल्यों का गढ़ रहा है और रहेगा, इस रुख को विश्व के अधिकांश लोगों द्वारा साझा किया जाता है। पश्चिम जानबूझकर नैतिक मानदंडों और परिवार की संस्थाओं को नष्ट कर रहा है, पुतिन ने कहा।
रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि "रूस के विरुद्ध निराधार आरोप हैं कि हम कथित स्तर पर अंतरिक्ष में परमाणु हथियार स्थापित करने जा रहे हैं, यह झूठ है। पश्चिम विश्व को परमाणु युद्ध के कगार पर ले जा रहा है।"

"पश्चिमी देशों खासकर अमेरिका की दूसरे देशों पर हमेशा झूठे आरोप लगाना फितरत है। अमेरिका ने ही कहा था कि इराक परमाणु हथियार बना रहा है, फिर कहा कि जैविक हथियार बना रहा है। और हमला कर इराक को बर्बाद कर दिया, लेकिन वहां कुछ नहीं निकला। यह अमेरिका का एक तरीका है जब भी कोई देश अमेरिका की विदेश नीति का बहिष्कार करता है या उनकी नीतियों से सहमति नहीं जताता है, तो उन देशों को नुकसान पहुंचाने के लिए इस तरह के निराधार आरोप लगाते रहते हैं," रक्षा विशेषज्ञ कमर आग़ा ने Sputnik India को बताया।

साथ ही विशेषज्ञ ने रेखांकित किया कि "यह कोई पहली बार नहीं है, बहुत बार हो चुका है। इनकी मुख्य योजना थी कि यूक्रेन संघर्ष में रूस लड़ नहीं पाएगा, तीन महीने में टूट जाएगा। अमेरिकी समर्थक शासन वहां बन जाएगी और राष्ट्रपति पुतिन सत्ता से हट जाएंगे। परंतु संघर्ष के दो वर्ष बीत जाने के बाद भी नहीं हटा पाए बल्कि 18 प्रतिशत भूभाग रूस के पास आ गया, क्योंकि वहां के निवासी यूक्रेन के साथ नहीं रहना चाहते थे।"

"अमेरिका को लगता है कि रूस एक ऐसा देश है जो भविष्य में उनको चुनौती दे सकता है। रूस के पास परिष्कृत तकनीक है, रक्षा क्षेत्र की भी हैं जिनको सहजता से सिविलियन सेक्टर में ट्रांसफर किया जा सकता है। रूस के उत्पाद पश्चिमी देशों के मुकाबले में बहुत मजबूत, किफायती और जीवन अवधि ज्यादा दिनों की होती है," आग़ा ने टिप्पणी की।

इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि "इस कारण से भी पश्चिमी देश किसी भी तरीके से यह बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। वहीं यूरोपीय देश को डर है कि उनका बाजार छीन जायेगा क्योंकि रूस असैनिक सेक्टर में भी तेजी से प्रवेश कर रहा है चाहे ऑटोमोबाइल, नागरिक उड्डयन या फार्मास्यूटिकल क्षेत्र हो। यही कारण था कि इन देशों ने मिलकर वहां पर युद्ध किया, यूक्रेन में घेरकर रूस को फंसाने की कोशिश की गई।"

"अब जब पश्चिमी देश युद्ध जीत नहीं पा रहे हैं तो परमाणु युद्ध की बात करने लगे हैं। और ये कह रहे हैं कि रूस अंतरिक्ष में परमाणु हथियार रख रहा है। वस्तुतः पश्चिमी देश परमाणु आक्रमण करने का एक आधार बना रहे हैं। हालांकि उनकी रूस पर आक्रमण करने की हिम्मत नहीं है, समर्थक देशों पर कर सकते हैं, क्या करेंगे यह कहना अभी जल्दी है। अमेरिका दुनिया का अकेला ऐसा देश है जिसने परमाणु हथियार बनाए और इस्तेमाल भी किए। और कभी भी अमेरिका को परमाणु हथियार का इस्तेमाल करने में संकोच नहीं होगा," आग़ा ने बताया।

विशेषज्ञ ने Sputnik India से बातचीत में उल्लेखित किया कि "अमेरिका की आर्थिक स्थिति बहुत ख़राब है और दबदबा लगातार कम होता जा रहा है। अमेरिकी समर्थक सरकार भी उससे अब दूरी बनाने लगी है। ऐसे में वह बहुत व्यथित है और कुछ भी कर सकता है।"

"जब भी कोई बड़ी शक्ति कमजोर होती है तो वह युद्ध करती है। अमेरिका की विदेश नीति इस समय सैन्यीकरण है और वे कूटनीति से काम नहीं लेते बल्कि सत्ता परिवर्तन और प्रतिबंध का उपयोग करते हैं और रूस के ऊपर भी यही करने की कोशिश की, लेकिन उनको सफलता नहीं मिली तो अब वे इससे एक कदम आगे बढ़ सकते हैं," आग़ा ने टिप्पणी की।

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