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दुष्प्रचार से प्रभावित: भारत ने चुनावी दावों पर संयुक्त राष्ट्र अधिकार प्रमुख को दिया जवाब

भारत ने देश में आगामी लोकसभा चुनावों के संबंध में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क द्वारा उठाई गई "अनुचित" बातों का दृढ़ता से खंडन किया है।
Sputnik
जिनेवा में मानवाधिकार परिषद के 55वें सत्र के दौरान भारत ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार परिषद द्वारा चुनावी प्रक्रिया पर उठाई गई चिंताएं "अनुचित" हैं और ये टिप्पणियाँ दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की वास्तविकता को प्रतिबिंबित नहीं करती हैं।

जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अरिंदम बागची ने कहा, "हमने हमारे आगामी आम चुनावों के बारे में उनकी टिप्पणियों पर ध्यान दिया है। हालाँकि, इस संबंध में उनकी चिंताएँ अनुचित हैं और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की वास्तविकता को प्रतिबिंबित नहीं करती हैं।"

भारतीय दूत ने रेखांकित किया कि "किसी भी लोकतंत्र में तर्क-वितर्क स्वाभाविक है और यह जरूरी है कि प्राधिकार के पदों पर बैठे लोग अपने फैसले को दुष्प्रचार से प्रभावित न होने दें।"

बागची ने कहा, "भारत की चुनावी प्रक्रिया की विशेषता, लोगों की उच्च स्तर की भागीदारी और चुनावी जनादेश में सभी का पूर्ण विश्वास है। वास्तव में, हम सौभाग्यशाली हैं कि दुनिया भर में कई लोग हमारे अनुभव से सीखना चाहते हैं और इसका अनुकरण करने की इच्छा रखते हैं।"

बता दें कि भारत में 2024 के आम चुनावों के लिए मतदान अप्रैल और मई के बीच होने की उम्मीद है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी चुनाव में जीत के माध्यम से लगातार तीसरे कार्यकाल की तलाश में हैं। आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का भारतीय राष्ट्रीय जनतांत्रिक समावेशन गठबंधन (I.N.D.I.A.) से मुख्य मुकाबला है।
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