विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

इसरो इस सप्ताह अपने दूसरे पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान मिशन की तैयारी कर रहा है

इसरो द्वारा पहले सफल मिशन के परीक्षण के बाद दूसरे मिशन में कुछ बदलाव किए जाने की संभावना है, जिसके बाद इस परीक्षण को इस महीने 16 मार्च से पहले किया जा सकता है।
Sputnik
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) इस महीने अपने दूसरे पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान को 16 मार्च से पहले लॉन्च करने को तैयार है।
LPSC-इसरो के निदेशक डॉ. वी. नारायणन ने पुष्टि की है कि अंतरिक्ष एजेंसी अपने दूसरे पुन: प्रयोज्य लॉन्च वाहन स्वायत्त लैंडिंग (RLV-LEX) मिशन के लिए 16 मार्च से पहले की तारीख का लक्ष्य बना रही है।
हाल ही में उन्होंने राष्ट्रीय सेमिनार स्पेस - 3.0 में बात की, जो अंतरिक्ष उद्योग में नवप्रवर्तकों और स्टार्टअप को सशक्त बनाने के उद्देश्य से डॉ. एमजीआर-एसीएस अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी केंद्र और इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आयोजित किया गया था।
इससे पहले अप्रैल 2023 में लॉन्च किया गया पहला RLV-LEX मिशन सफल हुआ था। कर्नाटक के चित्रदुर्ग में एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज (ATR) में आयोजित पहले मिशन में एक RLV प्रोटोटाइप देखा गया था, जिसे एक विमान द्वारा 4.5 किमी की ऊंचाई तक ले जाया गया, इसके बाद वाहन ने कक्षा से एक मानव रहित अंतरिक्ष यान की उच्च गति वापसी का अनुकरण करते हुए एक सफल स्वायत्त लैंडिंग हासिल की।
इसरो का RLV-LEX कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण पहल है जिसका उद्देश्य अंतरिक्ष में क्रांति लाना है। आम तौर पर पारंपरिक लॉन्च वाहनों का उपयोग केवल एक बार ही किया जाता है जिसकी वजह से अंतरिक्ष मिशनों की लागत काफी बढ़ जाती है। लेकिन एक हवाई जहाज की तरह पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान किसी भी अंतरिक्ष प्रक्षेपण खर्च को कम करने में काफी मदद कर सकता है।
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