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CAA से होने वाले ध्रुवीकरण से आम चुनावों में भाजपा को सबसे ज्यादा फायदा: विशेषज्ञ

यह अधिनियम 11 दिसंबर, 2019 को पारित किया गया था, और उसी वर्ष 12 दिसंबर को राष्ट्रपति से सहमति भी प्राप्त हो गई थी।
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भारत में आम चुनावों की घोषणा से कुछ ही दिन पहले केंद्र सरकार ने 11 मार्च को नागरिकता संशोधन नियम, 2024 को अधिसूचित किया जिससे 2019 में भारतीय संसद द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का क्रियान्वयन होगा ।
इस कानून के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी, ईसाई और जैन समुदाय के गैर-दस्तावेजी लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी। सरकार ने CAA के नियमों को अधिसूचित करने के एक दिन बाद, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के छह अल्पसंख्यक समुदायों के लिए भारतीय नागरिकता हेतु आवेदन करने के लिए पोर्टल भी लॉन्च कर दिया है।

भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, "ये नियम अब पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को हमारे देश में नागरिकता प्राप्त करने में सक्षम बनाएंगे। इस अधिसूचना के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने एक और प्रतिबद्धता पूरी की है और उन देशों में रहने वाले हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों के लिए हमारे संविधान निर्माताओं के वादे को साकार किया है।"

आम चुनावों की घोषणा में कुछ ही दिन शेष बचे हैं और सभी दल अपनी अपनी कमर कस चुके हैं। और इससे पहले CAA की यह घोषणा चुनावों पर असर डाल सकती है। यही जानने के लिए Sputnik भारत ने CAA के लागू हो जाने से आगामी आम चुनावों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में भावेश झा से बात की, जो भारत में चुनावों पर सर्वे करने वाली कंपनी CNX के प्रबंध निदेशक और चुनावी सर्वेक्षण अनुसंधान और चुनाव अभियान प्रबंधन के साथ सामाजिक और राजनीतिक अनुसंधान के क्षेत्र में विशेषज्ञ हैं।
उन्होंने बताया कि CAA भाजपा का वादा था जो उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनावों में किया था। यह चुनावी वादा बंगाल के मथूआ समाज के साथ किया गया था, क्योंकि इसका सबसे ज्यादा फायदा इसी समाज को होने वाला था।

भावेश झा ने कहा, "मथुआ समाज के क्षेत्र में लगभग 8 लोकसभा सीटें आती हैं जो वहाँ से चुने जाने वाले नेताओं के चुनाव में मुख्य भूमिका निभाते हैं। NDA को अपना 400 का लक्ष्य हासिल करने के लिए वहाँ से सभी 18 सीटों पर काबिज होना होगा। लेकिन CAA के बाद बंगाल की 42 सीटों पर पूरी तरह से ध्रुवीकरण देखा जा सकता है। जिसकी वजह से भाजपा को फायदा होगा।"

विशेषज्ञ ने अपनी बात में आगे कहा कि CAA का सबसे ज्यादा असर पश्चिम बंगाल राज्य के उत्तर में 8 सीटें और दक्षिण पूर्व की 12 सीटों पर होगा। इसके अलावा देश के उत्तर पूर्व राज्यों में भी CAA का प्रभाव देखा जा सकेगा।

भावेश झा ने कहा, "अक्सर इसका विरोध वहाँ देखा गया है लेकिन वहाँ के राज्यों में विपक्ष लगभग न के बराबर है। इसके लागू होने से प्रदर्शन देखे जा सकते हैं लेकिन चुनावी तौर पर इसका कोई प्रभाव नही पड़ेगा। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव बंगाल में ही देखा जा सकता है। भाजपा के लिए CAA एक नई ऊर्जा का काम करेगा।"

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