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नौवहन की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है भारत, बुल्गारिया की ओर से सराहना के बाद आया यह बयान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को हिंद महासागर क्षेत्र में नेविगेशन की स्वतंत्रता की रक्षा करने और समुद्री डकैती एवं आतंकवाद से निपटने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
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प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी बुल्गारिया के राष्ट्रपति रुमेन राडेव के एक संदेश के जवाब में आई, जिसमें सात बुल्गारियाई नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए आभार व्यक्त किया गया था।
दरअसल सोमवार को बुल्गारिया के राष्ट्रपति ने अपहृत बुल्गारियाई जहाज एमवी रुएन पर सफलतापूर्वक बचाव अभियान चलाने के लिए भारतीय नौसेना के प्रति आभार व्यक्त किया।

एक्स पर एक पोस्ट में पीएम मोदी ने कहा, "हमें खुशी है कि 7 बुल्गारियाई नागरिक सुरक्षित हैं और जल्द ही घर लौट आएंगे। भारत नेविगेशन की स्वतंत्रता की रक्षा करने और हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री डकैती और आतंकवाद से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है।"

आठ बुल्गारियाई, नौ म्यांमारी और एक अंगोलन नागरिक के साथ "रूएन" जहाज को पिछले साल दिसंबर में अरब सागर में समुद्री डाकुओं ने पकड़ लिया था।
इस बीच भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस कोलकाता ने शनिवार को अरब सागर में एक जहाज का अपहरण करने वाले सभी 35 सोमाली समुद्री लुटेरों को सफलतापूर्वक आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर किया और चालक दल के 17 सदस्यों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित की।
बता दें कि करीब 40 घंटों तक चले बचाव अभियान में आईएनएस कोलकाता ने भारतीय तट से लगभग 2600 किमी दूर चल रहे अपहृत समुद्री जहाज "रुएन" को रोका और कैलिब्रेटेड कार्यों के माध्यम से और समुद्री डाकू जहाज को रुकने के लिए मजबूर किया।
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भारतीय नौसेना ने अपहृत जहाज से चालक दल के 17 सदस्यों को बचाया, 35 समुद्री लुटेरों को पकड़ा
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