भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को देश की राजधानी नई दिल्ली के भारत मंडपम में स्टार्ट-अप महाकुंभ का उद्घाटन करते हुए 2047 तक विकसित भारत बनने के लिए देश के रोडमैप पर जोर दिया।
पीएम मोदी ने पिछले कुछ दशकों में आईटी और सॉफ्टवेयर क्षेत्र में भारत की छाप छोड़ने पर प्रकाश डाला, इसके साथ उन्होंने नवाचार और स्टार्ट-अप संस्कृति के उभरते रुझानों को भी रेखांकित करते हुए कहा कि स्टार्ट-अप जगत के लोगों की उपस्थिति आज के अवसर के महत्व को दिखाती है।
देश में स्टार्ट-अप की सफलता पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे अपने संबोधन में कहा कि भारत में सभी क्षेत्रों में स्टार्टअप हैं और लोग नौकरी ढूंढने के बजाय नौकरी देने वाले बन गए हैं।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, "दुनिया भारतीय युवाओं की क्षमता को देखती है। उनकी क्षमताओं पर भरोसा करते हुए, हमने उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने का फैसला किया है। हमने लोगों की सोच को बदल दिया है। युवा अब नौकरी चाहने वाले के बजाय नौकरी देने वाले बनना चाहते हैं।"
प्रधानमंत्री ने सही नीतियों के कारण देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम के विकास पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि स्टार्टअप क्रांति का नेतृत्व छोटे शहरों द्वारा किया जा रहा है और वह भी कृषि, कपड़ा, चिकित्सा, परिवहन, अंतरिक्ष, योग और आयुर्वेद सहित कई क्षेत्रों में। अंतरिक्ष स्टार्टअप के बारे में विस्तार से बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय स्टार्टअप अंतरिक्ष क्षेत्र में 50 से अधिक क्षेत्रों में काम कर रहे हैं, जिसमें अंतरिक्ष शटल का प्रक्षेपण भी शामिल है।
उन्होंने कहा, "भारत 1.25 लाख स्टार्टअप के साथ तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है, जिसमें 12 लाख युवा सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं।" प्रधानमंत्री ने उद्यमियों से अपने पेटेंट शीघ्रता से दाखिल करने के प्रति सतर्क रहने को कहा। उन्होंने नए क्षेत्रों में जाने के लिए युवाओं की सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि नीतिगत मंचों पर शुरू किए गए स्टार्ट-अप आज नई ऊंचाइयों पर पहुंच रहे हैं।
इस अवसर पर केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल और सोम प्रकाश सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।