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भारत के अंतरिक्ष स्टार्टअप अग्नीकुल ने रॉकेट के प्रक्षेपण से पहले जुटाए 2 अरब रुपए
भारत के अंतरिक्ष स्टार्टअप अग्नीकुल ने रॉकेट के प्रक्षेपण से पहले जुटाए 2 अरब रुपए
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भारत के अंतरिक्ष स्टार्टअप अग्नीकुल ने सीरीज बी में 200 करोड़ से ज्यादा की फंडिंग जुटा ली है जो अब तक की सबसे बड़ी फन्डिंग है। अग्नीकुल अब तक कुल मिलाकर लगभग 330 करोड़ की फन्डिंग जुटा चुका है।
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इस स्टार्टअप को मिली सीरीज बी की फंडिंग में सेलेस्टा कैपिटल, रॉकेट शिप.वीसी, अर्थ वेंचर फंड और अर्थ सेलेक्ट फंड सहित उद्यम पूंजी निवेशकों के साथ-साथ मौजूदा निवेशकों मेफील्ड इंडिया, पीआई वेंचर्स, स्पेशल इन्वेस्ट और अन्य की भागीदारी भी शामिल है। भारत के तमिलनाडु राज्य की राजधानी चेन्नई में स्थित अग्नीकुल भारत का दूसरा अंतरिक्ष स्टार्टअप है जो अगले दो महीनों के भीतर अपने स्वयं के लॉन्च पैड से एक उप कक्षीय रॉकेट लॉन्च करने की योजना बना रहा है, यह दूसरा निजी लॉन्च होगा, इससे पहले स्काईरूट नाम का प्राइवेट स्टार्टअप विक्रम-एस लॉन्च कर चुका है। 2017 में बनी यह कंपनी भारत का पहला निजी लॉन्चपैड और मिशन नियंत्रण केंद्र चलाती है। इसके अलावा भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो भारत में अन्य सभी लॉन्चपैड संचालित करती है। अग्निकुल ने अपने अनुकूलन योग्य, 2-चरण लॉन्च वाहन अग्निबाण को जोड़ना शुरू कर दिया है, जो लगभग 700 किमी की कक्षाओं में 300 किलोग्राम पेलोड ले जाने में सक्षम है। भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने इस साल अगस्त के महीने में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की थी, अग्निकुल के सह-संस्थापक और सीईओ श्रीनाथ रविचंद्रन ने कहा कि इस उपलब्धि से उनके स्टार्टअप की फंडिंग संभावनाओं में मदद मिली। आज के समय में 400 बिलियन डॉलर के अंतरिक्ष बाजार में भारत की हिस्सेदारी केवल 2 प्रतिशत है हालांकि सरकार की मंशा इसे 2040 तक 40 बिलियन डॉलर करने की है।
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भारत के अंतरिक्ष स्टार्टअप अग्नीकुल, अग्नीकुल ने जुटाए 200 करोड़ से ज्यादा,अग्नीकुल को 330 करोड़ की फन्डिंग, अग्नीकुल भारत का दूसरा अंतरिक्ष स्टार्टअप, स्काईरूट नाम का प्राइवेट स्टार्टअप, स्काईरूट स्टार्टअप विक्रम-एस लॉन्च, अग्निकुल के सह-संस्थापक और सीईओ श्रीनाथ रविचंद्रन,india's space startup agnikul, agnikul raises more than rs 200 crore, agnikul gets rs 330 crore funding, agnikul is india's second space startup, private startup named skyroot, skyroot startup vikram-s launched, agnikul co-founder and ceo srinath ravichandran ,
भारत के अंतरिक्ष स्टार्टअप अग्नीकुल ने रॉकेट के प्रक्षेपण से पहले जुटाए 2 अरब रुपए
भारत के अंतरिक्ष स्टार्ट उप अग्नीकुल ने सीरीज बी में 2 अरब रुपए (लगभग 27 मिलियन डॉलर) से ज्यादा की फंडिंग जुटा ली है जो अब तक की सबसे बड़ी फन्डिंग है।
इस स्टार्टअप को मिली सीरीज बी की फंडिंग में सेलेस्टा कैपिटल, रॉकेट शिप.वीसी, अर्थ वेंचर फंड और अर्थ सेलेक्ट फंड सहित उद्यम पूंजी निवेशकों के साथ-साथ मौजूदा निवेशकों मेफील्ड इंडिया, पीआई वेंचर्स, स्पेशल इन्वेस्ट और अन्य की भागीदारी भी शामिल है।
भारत के तमिलनाडु राज्य की राजधानी चेन्नई में स्थित अग्नीकुल भारत का दूसरा अंतरिक्ष स्टार्टअप है जो अगले दो महीनों के भीतर अपने स्वयं के लॉन्च पैड से एक उप कक्षीय
रॉकेट लॉन्च करने की योजना बना रहा है, यह दूसरा निजी लॉन्च होगा, इससे पहले स्काईरूट नाम का
प्राइवेट स्टार्टअप विक्रम-एस लॉन्च कर चुका है।
2017 में बनी यह कंपनी भारत का पहला निजी लॉन्चपैड और मिशन नियंत्रण केंद्र चलाती है। इसके अलावा भारतीय
अंतरिक्ष एजेंसी इसरो भारत में अन्य सभी लॉन्चपैड संचालित करती है।
अग्निकुल ने अपने अनुकूलन योग्य, 2-चरण लॉन्च वाहन अग्निबाण को जोड़ना शुरू कर दिया है, जो लगभग 700 किमी की कक्षाओं में 300 किलोग्राम पेलोड ले जाने में सक्षम है।
भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने इस साल अगस्त के महीने में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर
सफलतापूर्वक लैंडिंग की थी, अग्निकुल के सह-संस्थापक और सीईओ श्रीनाथ रविचंद्रन ने कहा कि इस उपलब्धि से उनके स्टार्टअप की फंडिंग संभावनाओं में मदद मिली।
"चंद्रयान-3 की वजह से सिस्टम में काफी विश्वसनीयता है," रविचंद्रन ने चंद्रमा लैंडर के नाम का जिक्र करते हुए मीडिया से कहा।
आज के समय में 400 बिलियन डॉलर के अंतरिक्ष बाजार में भारत की हिस्सेदारी केवल 2 प्रतिशत है हालांकि सरकार की मंशा इसे 2040 तक 40 बिलियन डॉलर करने की है।