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मुख्य युद्धक टैंकों के लिए देश में बने पहले 1500 HP इंजन का पहला परीक्षण किया गया

1500 HP इंजन सैन्य प्रणोदन प्रणालियों में एक आदर्श बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें उच्च शक्ति-से-वजन अनुपात, उच्च ऊंचाई, उप-शून्य तापमान और रेगिस्तानी वातावरण सहित चरम स्थितियों में संचालन क्षमता जैसी अत्याधुनिक विशेषताएं हैं।
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रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को आगे बढ़ाते हुए देश के रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने की मौजूदगी में बुधवार को कर्नाटक के मैसूर परिसर स्थित BEML के इंजन डिवीजन में मुख्य युद्धक टैंकों के लिए देश के पहले स्वदेशी निर्मित 1500 हॉर्स पावर (HP) इंजन का पहला परीक्षण किया गया।
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किए गए बयान के मुताबिक, यह उपलब्धि देश में एक नए युग की शुरुआत करती है, जिससे देश की रक्षा क्षमताओं, तकनीकी कौशल का प्रदर्शन और रक्षा प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता के प्रति प्रतिबद्धता को बढ़ावा मिलेगा।

टेस्ट सेल का उद्घाटन करते हुए रक्षा सचिव ने इस उपलब्धि को एक परिवर्तनकारी क्षण बताया, जो सशस्त्र बलों की क्षमताओं को बढ़ाएगा। BEML के सीएमडी शांतनु रॉय ने कहा कि यह उपलब्धि देश में रक्षा उत्पादन में एक प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में BEML की स्थिति को मजबूत करती है, जो इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में देश की जरूरतों को पूरा करने की उसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

1500 एचपी इंजन का पहला परीक्षण प्रौद्योगिकी स्थिरीकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए जेनरेशन वन के पूरा होने का प्रतीक है। जेनरेशन टू में DRDO प्रयोगशाला, कॉम्बैट व्हीकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट में विभिन्न परीक्षणों के लिए BEML का उत्पादन इंजन और उपयोगकर्ता परीक्षण के लिए वास्तविक वाहनों में उनका एकीकरण देखा जाएगा।
बयान के मुताबिक यह परियोजना 2025 के मध्य तक पूरी होने वाली है। अगस्त 2020 में शुरू की गई इस परियोजना को पांच प्रमुख मील के पत्थर में सावधानीपूर्वक संरचित किया गया है, जो समय पर पूरा होने और गुणवत्ता मानकों का पालन सुनिश्चित करता है।
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